झुमरीतिलैया : महाराष्ट्र के भीमाकोरे गांव में दलितों की सभा में हिदुत्व संगठनों द्वारा किये गये हमला तथा हमला के खिलाफ महाराष्ट्र बंद के दौरान जिग्नेश भवानी, प्रकाश अांबेडकर, उमर खालिद समेत सैकड़ों नेता व कार्यकर्ताओं पर किये गये फर्जी मुकदमा पर माले व भाकपा ने संयुक्त रूप से प्रतिरोध मार्च निकाला. पानी टंकी रोड स्थित माले कार्यालय से प्रतिरोध मार्च निकाला गया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गयी. प्रतिरोध मार्च झंडा चौक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया.
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार में हिंदुवादी संगठनों द्वारा दलितों व अकलियतों पर लगातार हमला किया जा रहा है. इस हमले से मोदी सरकार का दलित प्रेम का नाटक सामने आ गया है. सरकार पर्दे के पीछे से जबरन मनुवाद थोपना चाह रही है, जिसे देश की लोकतंत्र पसंद जनता बर्दाश्त नहीं करेंगी. सभा को माले जिला सचिव मोहन दत्ता, राज्य कमेटी सदस्य श्यामदेव यादव, ईश्वरी राणा, रामधन यादव, संदीप कुमार, प्रेम प्रकाश पासवान, शंभु यादव, निलम शाहाबादी, पार्षद नीलम पासवान, नागेश्वर प्रसाद, मुखिया नगेंद्र मेहता, जयप्रकाश वर्मा, चरणजीत सिंह, बसंती देवी, भाकपा अंचल मंत्री प्रकाश रजक आदि ने संबोधित किया.
मोदी सरकार दलितों के साथ अन्याय कर रही है
महाराष्ट्र की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकपा जिला मंत्री सह जिप सदस्य महादेव राम ने कहा कि महाराष्ट्र की घटना की जितनी निंदा की जाये कम है. वहां के लोग प्रत्येक वर्ष शौर्य दिवस मनाते हैं. इस वर्ष दलित समाज द्वारा विशेष शौर्य दिवस मनाया जा रहा था. यह दक्षिण पंथ मराठों को नहीं सुहाया और पत्थरबाजी कर दी, जिससे कई दलित घायल हो गये. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के शासनकाल में दलित सुरक्षित नहीं है.
आज भी दलित खुली सांस नहीं ले पा रहे है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में दलितों के साथ अगड़ी जाति के लोगों के द्वारा दुर्व्यवहार और हमला किया जाता है. यह लोकतंत्र पर हमला है. वहीं भाकपा अंचल मंत्री प्रकाश रजक ने कहा कि अन्याय के खिलाफ बोलने पर दलितों के बहू बेटियों के साथ बदसलूकी की जाती है, उनके घर जला दिये जाते हैं. यह कैसा लोकतंत्र है सरकार इसका जवाब दें.
