नवादा डीएफओ, एएसपी मिले डीसी व सीएफ से, माइका, स्टोन चिप्स व बालू के अवैध खनन पर चर्चा
कोडरमा : झारखंड-बिहार के सीमावर्ती जंगली इलाके में चल रहे अवैध खनन के कारोबार पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है. दोनों राज्यों की टीम बहुत जल्द अवैध खनन रोकने को लेकर कारगर कदम उठायेगी. कार्रवाई की रणनीति तैयार करने को लेकर शुक्रवार को बिहार राज्य के नवादा जिले के वन प्रमंडल पदाधिकारी आलोक कुमार, एएसपी अभियान कुमार आलोक कोडरमा पहुंचे. इन अधिकारियों ने डीसी संजीव कुमार बेसरा, वन संरक्षक एमके सिंह से अलग-अलग मुलाकात की. दोनों ने जिले के अधिकारियों के साथ मुलाकात कर संक्षिप्त बैठक में अवैध खनन पर कार्रवाई को लेकर चर्चा की. बताया जाता है कि सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द माइका, स्टोन चिप्स व बालू के अवैध खनन पर शिकंजा कसेगा. जानकारी के अनुसार कोडरमा के सीमावर्ती बिहार के विभिन्न इलाके में माइका व अन्य चीजों का अवैध खनन बड़े स्तर पर वर्षों से होता आया है.
इन जगहों पर खनन करने के बाद माफिया कोडरमा के जंगली रास्ते से वाहन लेकर आते हैं. बिहार के इलाके में अवैध खनन कार्य होने व वहां जाने के लिए सुलभ रास्ता नहीं होने के कारण वहां के अधिकारियों द्वारा आज तक बड़े स्तर की कार्रवाई नहीं हो सकी है, जबकि कोडरमा के रास्ते आने वाले माइका व अन्य पदार्थ को बीच-बीच में पकड़ने की कार्रवाई वन विभाग व खनन विभाग द्वारा की जाती है. बावजूद इसके रजौली के सीमावर्ती इलाकों में इन दिनों बड़े स्तर पर माइका का अवैध खनन कार्य चल रहा है. माफिया इन जगहों पर जेसीबी, पोकलेन आदि मशीनों से खनन कार्य करवा रहे हैं.
इस पूरे कार्य से दोनों राज्य की सरकारों को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. गत वर्ष भी इस कार्य पर शिकंजा कसने को लेकर राज्य स्तर से कार्रवाई का निर्देश दोनों सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को मिला था, पर इस संबंध में न तो बैठक हो सकी और न ही ठोस कार्रवाई. अब एक बार फिर इस संबंध में कार्रवाई को लेकर रणनीति बनाने का दावा किया जा रहा है. नवादा डीएफओ, एएसपी अभियान के साथ आयोजित बैठक में प्रशिक्षु डीएफओ सत्यम कुमार, कोडरमा के एएसपी अभियान अजय कुमार पाल भी मौजूद थे.
अवैध खनन को लेकर ये इलाके चिह्नित
सीमावर्ती इलाकों में अवैध खनन को लेकर कई जगह चिह्नित किये गये हैं, इनमें रजौली के सीमावर्ती सपही, ढोढाकोला, सेवइयाटांड के अलावा गझंडी, भानेखाप सहित अन्य जगह शामिल हैं. इन जगहों पर जंगल क्षेत्र होने का फायदा माफिया उठाते रहे हैं. हालांकि, रोजी रोजगार के नाम पर भी अवैध खनन का कार्य जोरों पर चलता है.