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फिल्‍मी अंदाज में हुई कांग्रेस नेता शंकर यादव की हत्‍या, DIG ने किया खुलासा

कोडरमा : कांग्रेस नेता क्रशर माइंस मालिक शंकर यादव की हत्‍या का मुख्‍य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है. साथ ही चार और लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सभी आपस में संबंधी हैं. पुलिस ने हत्‍याकांड का उदभेदन करते हुए बताया कि शंकर यादव की हत्‍या बिल्‍कुल फिल्‍मी अंदाज में […]

कोडरमा : कांग्रेस नेता क्रशर माइंस मालिक शंकर यादव की हत्‍या का मुख्‍य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है. साथ ही चार और लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सभी आपस में संबंधी हैं. पुलिस ने हत्‍याकांड का उदभेदन करते हुए बताया कि शंकर यादव की हत्‍या बिल्‍कुल फिल्‍मी अंदाज में की गयी थी.

मुख्‍य आरोपी मुनेश यादव को पुलिस ने पिछले दिनों बेंगलुरु से गिरफ्तार किया. मुख्‍य आरोपी मुनेश ने हत्‍या में अपनी संलिप्‍तता स्‍वीकार की है. पुलिस डीआईडी भीम सेन टूटी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि फिल्‍मी अंदाज में शंकर यादव की हत्‍या की गयी है. हत्‍या का मुख्‍य साजिशकर्ता मुनेश यादव ही है.

टूटी ने बताया कि मुनेश ने अपने भाईयों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया. मामले पर से पर्दा उठाते हुए कहा कि मुनेश ने ही हत्‍या की पूरी साजिश रची थी. इससे पहले भी मुनेश अपने भाईयों के साथ मिलकर शिवशंकर की हत्‍या का असफल प्रयास कर चुका है.

कुछ यूं रची हत्‍या की साजिश

डीआईजी भीम सेन टूटी के मुताबिक मुनेश यादव ने पहले एक पुराना ऑटो खरीदा और हजारीबाग के एक वर्कशॉप में उसमें विस्‍फोटक फिट करवाया. ऑटो में फिट किया गया, जो रिमोट संचालित विस्‍फोटक था. मुनेश यादव ने इस साजिश में अपने सगे भाई पवन यादव, फुफेरे भाई नरेश यादव और भांजा सुजीत यादव को शामिल किया.

शंकर यादव की माइंस के करीब 400 मीटर दूर विस्‍फोटक लगा ऑटो सड़क किनारे खड़ा कर दिया गया. इसके ठीक आगे एक अस्‍थायी स्‍पीड ब्रेकर बनाया गया. उन्‍हें पहले से ही पता था कि शंकर यादव शाम साढ़े तीन से चार बजे के करीब हर दिन माइंस जाते थे. उस दिन भी शंकर यादव निर्धारित समय पर माइंस से घर लौट रहे थे.

मुनेश यादव हत्‍या की साजिश रचने के बाद से बेंगलुरु में छुपा रहा. उसके भाईयों ने पूरी घटना को अंजाम दिया. फुफेरे भाई नरेश यादव और भांजा संजीत यादव ने शंकर यादव की रेकी की. जैसे ही शंकर यादव की गाड़ी अस्‍थायी स्‍पीड ब्रेकर के पास धिमी हुई बगल में खड़े ऑटो में रिमोर्ट से विस्‍फोट कर दिया गया. विस्‍फोट की घटना को मुनेश के भाई पवन ने दिया. विस्‍फोट इतना भीषण था कि शंकर यादव की गाड़ी के परखच्‍चे उड़ गये और उनकी मौत हो गयी.

पूर्व में भी हत्‍या का किया था प्रयास

शंकर यादव को तीन माह पूर्व ही चौपारण में अपराधियों ने गोली मारी थी. इस घटना में भी मुनेश यादव को अभियुक्‍त बनाया गया था. मुनेश उसी समय से फरार चल रहा था. 24 अक्तूबर 2017 को मुनेश यादव ने शंकर यादव को पत्थर खदान से लौटते वक्त गोली मार दी थी. गंभीर रूप से घायल शंकर का कई दिनों तक रांची में चले इलाज के बाद स्थिति ठीक हुई थी.

जमीन विवाद में हुई हत्‍या

पुलिस के अनुसार यह हत्‍या जमीन विवाद में हुई है. मुनेश ने पुलिस को बयान दिया कि जिस जमीन पर शंकर का क्रेशर माइंस है वह जमीन मुनेश के पिता की थी. शंकर ने गलत ढंग से उसे हथिया लिया था और उसी जमीन के कारण वह इतनी तरक्‍की कर रहा था. कई बार उससे जमीन लौटाने या हिस्‍सा बांटने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माना.

पिछले साल शंकर पर जानलेवा हमला करने के लिए पुलिस को मुनेश की तलाश थी. जब मुनेश को लगा कि अब उसके जान को खतरा है तब उसने शंकर की हत्‍या की साजिश रची और घटना को अंजाम दिया. ऐसा मुनेश ने पुलिस को बताया.

पुलिस की कार्रवाई से शंकर के परिजन संतुष्‍ट नहीं

पुलिस की अब तक की कार्यवाही पर पीड़ित परिवार संतुष्ट नहीं है. शंकर यादव की पत्नी ने कहा कई सफेदपोश व नामजद आरोपियों को पुलिस सामने नहीं ला रही है. वहीं शंकर के बेटे ने कहा कि पहले ही मुनेश को पकड़ लेते तो उनके पिता की हत्‍या नहीं होती. परिवार ने हजारीबाग की चौपारण पुलिस व बरही डीएसपी पर सवालिया निशान लगाया.

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