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कोडरमा : शंकर यादव हत्याकांड, मुख्य आरोपी मुनेश पांच दिन के पुलिस रिमांड पर, सभी पुलिस पदाधिकारी होंगे सम्मानित

कोडरमा : शंकर यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुनेश यादव को पुलिस ने सोमवार को स्थानीय अदालत में पेश किया. तमिलनाडु के वेल्लौर स्थित सीएमसी परिसर से उसे गिरफ्तार कर पुलिस टीम रविवार की रात कोडरमा पहुंची. यहां पूछताछ के बाद उसे अदालत में प्रस्तुत किया. इस दौरान पुलिस ने अदालत से आरोपी को रिमांड […]

कोडरमा : शंकर यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुनेश यादव को पुलिस ने सोमवार को स्थानीय अदालत में पेश किया. तमिलनाडु के वेल्लौर स्थित सीएमसी परिसर से उसे गिरफ्तार कर पुलिस टीम रविवार की रात कोडरमा पहुंची. यहां पूछताछ के बाद उसे अदालत में प्रस्तुत किया. इस दौरान पुलिस ने अदालत से आरोपी को रिमांड पर मांगा. अदालत ने मुनेश को पांच दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया, जबकि अन्य चार आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस इन्हें जेल भेजने की तैयारी में थी. पुलिस रिमांड में आरोपी से पूछताछ में कई राज खुल सकते हैं. यही नहीं कुछ सफेदपोश के शामिल होने को लेकर भी मामला क्लियर हो सकता है.
इधर, घटना की पूरी तैयारी करने के बाद मुनेश एक दिन पहले बेंगलुरु चला गया. पुलिस को पूछताछ में जानकारी मिली की 13 फरवरी को हत्याकांड में शंकर यादव की मौत की सूचना भाई पवन द्वारा मोबाइल पर मिलने के बाद मुनेश दक्षिण भारत में स्थित प्रसिद्ध बाला जी मंदिर गया. वहां पूजा-अर्चना के बाद उसने अपना मुंडन करा लिया. इस शातिर अंदाज के पीछे उसकी सोच पुलिस के बीच अपनी पहचान छुपाने की भी थी.
टीम में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारी होंगे सम्मानित
डीआइजी ने बताया कि सीएम के निर्देश पर गठित एसआइटी में नेतृत्वकर्ता कोडरमा डीएसपी कर्मपाल उरांव, बरही एसडीपीओ मनीष कुमार, इंस्पेक्टर सह केस के अनुसंधान कर्ता केपी यादव, बरही थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह, चंदवारा थाना प्रभारी सोनी प्रताप, चौपारण थाना प्रभारी सुदामा कुमार, हजारीबाग के आरक्षी शशिरंजन शामिल थे.
कोडरमा एसपी शिवानी तिवारी के मार्गदर्शन में टीम ने कुछ दिन के अंदर ही मामले का खुलासा किया. इसमें इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह, आनंद मोहन सिंह व जिला पुलिस के अन्य पदाधिकारी व जवानों का सहयोग रहा. टीम में शामिल सभी पदाधिकारी व जवान को सम्मानित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी व मामले की जांच में एसपी वेल्लौर, पुलिस उपायुक्त एसटीएफ कोलकाता, रीजनल डायरेक्टर बीसीएएस हैदराबाद, उप समादेष्टा सीआइएसएफ बेंगलुरु एयरपोर्ट का काफी सहयोग रहा.
कठिन चुनौती को एसपी ने सुलझाया
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सबसे ज्यादा सवाल हजारीबाग की चौपारण पुलिस पर उठ रहे थे, पर घटनास्थल कोडरमा के चंदवारा थाना क्षेत्र में होने के कारण यहां की एसपी शिवानी तिवारी पर भी कुछ लोग सवाल उठाने लगे थे.
पश्चिम बंगाल कैडर से हाल ही में झारखंड राज्य में ज्वाइन करने के बाद शिवानी को पहला जिला कोडरमा मिला था. यहां आते ही कुछ घटनाएं हुई, पर ये इतना बड़ा नहीं था कि पुलिस की व्यवस्था व कार्यप्रणाली को आंका जा सके, पर 13 फरवरी को शंकर यादव के स्कॉर्पियो को बम से उड़ा देने के मामले ने पूरे राज्य को हिला दिया. कोडरमा में अगले दिन घंटों सड़क जाम रहा और प्रदर्शन हुए. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल पूरी तरह हमलावर हो गये. ऐसे में एसपी के समक्ष कठिन चुनौती थी. बावजूद इसके इस कठिन चुनौती के बीच एसपी ने अपनी टीम की मदद से इस मामले का खुलासा कम समय में कर दिया.
15,500 में रामदेव ने खरीदा था ऑटो
पुलिस के अनुसार घटना में प्रयुक्त ऑटो धनबाद के एक व्यक्ति के नाम से निबंधित थी. लोन नहीं चुकाने के कारण बैंक ने उसे जब्त कर लिया था. जनवरी में इसे रामदेव ने एक फाइनेंस कंपनी के माध्यम से 15, 500 में खरीदा था. उसने मुनेश को ऑटो उपलब्ध करायी. पूरी घटना की जानकारी रामदेव को भी थी.
घटनास्थल पर थे तीन आरोपी, भीड़ मेंशामिल हो गया था सुदीप
डीआइजी के अनुसार घटना के दिन सुदीप ने शंकर यादव के खदान से निकलने की जानकारी पवन को दी. सुदीप शंकर की रेकी कर रहा था. जैसे ही स्कॉर्पियो खदान से करीब चार सौ मीटर आगे बढ़ा वहां पहले से तैयार पवन ने रिमोट दबा दिया. इसके बाद नरेश यादव के साथ मोटरसाइकिल पर बैठ कर फरार हो गया. वहीं एक अन्य आरोपी सुदीप यादव घटना के बाद जमा हुई भीड़ में शामिल हो गया था.

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