बेटा-बेटी में न करें अंतर, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का आह्वान
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अपने हक व अधिकार के प्रति जागरूक बनें महिलाएं
बेटा-बेटी में न करें अंतर, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का आह्वान कोडरमा बाजार : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गुरुवार को जिला मुख्यालय परिसर में सम्मेलन सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन शिक्षा मंत्री डाॅ नीरा यादव व अन्य अतिथियों ने किया. मौके पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम नौ बहनें […]
कोडरमा बाजार : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गुरुवार को जिला मुख्यालय परिसर में सम्मेलन सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन शिक्षा मंत्री डाॅ नीरा यादव व अन्य अतिथियों ने किया. मौके पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम नौ बहनें हैं, लेकिन मेरी मां गर्व से कहती है कि मैंने नवदुर्गा को जन्म दिया. आज के परिवेश में कुछ लोग ऐसे हैं, जो बेटी के जन्म पर आंसू बहाते हैं. कन्या भ्रूण हत्या से भी नहीं हिचकते. ऐसे लोगों के कारण ही महिलाएं इस आधुनिक युग में भी खुद को कुंठित समझती हैं. जब तक लोग बेटा-बेटी में अंतर करते रहेंगे, तब तक महिलाएं सुरक्षित नहीं रहेंगी.
उन्होंने महिलाओं को अपने हक व अधिकार के प्रति जागरूक रहने का आह्वान करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए एक दिन नहीं, बल्कि प्रत्येक दिन महिला दिवस होता है. जब किसी कार्य से महिलाएं घर से यदि दो दिन के लिए भी निकलती है तो घर बिखरा नजर आता है. आज की महिलाएं झाड़ू लगाने से लेकर अंतरिक्ष तक पहुंच गयी हैं. पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. बावजूद हम सुरक्षित नहीं हैं. कन्या भ्रूण हत्या, महिला हिंसा, घरेलू हिंसा, डायन प्रथा न जाने कितने प्रकार की हिंसा से महिलाएं त्रस्त है, इसे मिटाना होगा. इसके लिए हमें अपने घरों से ही शुरुआत करनी होगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि आप लोग आगे आयें, सरकार आपके साथ खड़ी है. शिक्षा से लेकर स्वरोजगार तक सब तरह की सुविधाएं सरकार स्तर से महिलाओं को उपलब्ध करायी जा रही है.
वहीं उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि जागरूकता की कमी के कारण आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ बच्चे कुपोषित जन्म लेते हैं. गांवों में अशिक्षा है, जबकि सरकार ग्रामीण शिक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है. गांव स्तर पर महिलाओं को संगठित कर बनाये गये शक्ति गैंग अपने दायित्वों को समझें. समाज को सुधारने में आपलोगों को अहम भूमिका निभाना है. उन्होंने कहा कि आज भी इस जिले में बाल विवाह हो रहे हैं, डायन प्रथा के कारण बेवजह महिलाएं प्रताड़ित हो रही हैं.
शक्ति गैंग गांव गांव जाकर लोगों को अपने हक और हकूक के लिए जागृत करे तभी इन कुप्रथाओं पर अंकुश लग पायेगा. उन्होंने महिलाओं को रूढ़िवादी विचारों से बाहर निकलने का अपील करते हुए कहा कि आप अबला नहीं सबला है. यदि कोई महिला प्रताड़ित होती है तो इसकी सूचना थाना व बीडीओ को दें. डीसी ने कहा कि ओडीएफ के बाद सरकार का फोकस कचरा प्रबंधन पर है. इससे जोड़ कर लोगों को स्वरोजगार मुहैया कराया जाएगा. जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने कहा कि महिला हिंसा घर से ही शुरू होता है. इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से महिला भी शामिल रहती है. यदि महिला हिंसा के खिलाफ घर से ही आवाज बुलंद हो तो इसमें काफी कमी आएगी. समारोह को डीडीसी आलोक त्रिवेदी, नगर पंचायत अध्यक्ष कांति देवी, उपाध्यक्ष कुलवीर सलूजा सहित कई लोगों ने संबोधित किया.
मौके पर डीएफओ सूरज कु. सिंह, अपर समाहर्ता प्रवीण कुमार गागराई, कार्यपालक दंडाधिकारी संतोष सिंह, रेणु बाला, नरेश रजक, बाजार समिति सचिव अभिषेक आनंद, नीलामपत्र पदाधिकारी राजेश कुमार साहू, डीएसइ परबला खेस, प्रमुख सत्यनारायण यादव, जय प्रकाश राम, डॉ संध्या कुमारी, डॉ मनोज कुमार, संजीव समीर, शिवेंद्र नारायण, बाल मुकुंद सिंह, मीना साव, दिनेश सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
घर की लक्ष्मी होती हैं महिलाएं : एसपी
बिरसा सांस्कृतिक भवन में महिला अधिवक्ता मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक शिवानी तिवारी ने किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि घर की लक्ष्मी महिलाएं होती है. इसके बावजूद प्रत्येक दिन किसी न किसी रूप में महिलाएं ही प्रताड़ित होती हैं. हालांकि पुलिस प्रशासन और सरकार की गंभीरता तथा समाज में शिक्षा के प्रति आयी जागरूकता के कारण इसमें कुछ कमी आयी है, मगर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.
इसे समाज मे जागरूकता लाकर ही खत्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज की महिलाएं अबला नहीं सबला है. पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर अपनी उपयोगिता को सिद्ध किया है. कन्या भ्रूण हत्या, डायन प्रथा, घरेलू हिंसा इन सामाजिक बुराइयों को शिक्षा और जागरूकता से ही खत्म किया जा सकता है.
कार्यक्रम को नगर पंचायत अध्यक्ष कांति देवी, उपाध्यक्ष कुलवीर सलूजा, अधिवक्ता किरण कुमारी समेत कई लोगों ने संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता सुधा कुमारी व रितम कुमारी ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर कार्यपालक दंडाधिकारी रेणु बाला, रूपा सामंता, जयश्री द्विवेदी, जूही दास गुप्ता, ममता सिंह, संगीता रानी, श्वेता सिंह, ज्योति कुमारी, सुमन जायसवाल, टीनू कुमारी, अंशु यामिनी व अन्य मौजूद थे.
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