पारंपरिक रीति-रिवाज से मना सरहुल

प्रकृति का पर्व है सरहुल, सभ्यता व संस्कृति को बचाये रखे हुए हैं आदिवासी : डीडीसी कोडरमा बाजार : आदिवासी समुदाय का प्रमुख त्योहार सरहुल मंगलवार को पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मनाया गया. कोडरमा जिला आदिवासी संघ के नेतृत्व में आयोजित सरहुल महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उपविकास आयुक्त आलोक त्रिवेदी ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2018 4:20 AM
प्रकृति का पर्व है सरहुल, सभ्यता व संस्कृति को बचाये रखे हुए हैं आदिवासी : डीडीसी
कोडरमा बाजार : आदिवासी समुदाय का प्रमुख त्योहार सरहुल मंगलवार को पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मनाया गया. कोडरमा जिला आदिवासी संघ के नेतृत्व में आयोजित सरहुल महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उपविकास आयुक्त आलोक त्रिवेदी ने कहा कि सरहुल प्रकृति का पर्व है.
आधुनिक समाज में जहां लोग प्रकृति को भूलते जा रहे है, वहीं आदिवासी अपनी सभ्यता व संस्कृति को बचाये रखे हुए हैं. यह अपने आप में बड़ी बात है. अपर समाहर्ता प्रवीण कुमार गागराई ने कहा कि आदिवासी समाज के संपूर्ण विकास के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं, मगर जागरूकता व शिक्षा की कमी से आज भी यह समाज मुख्य धारा से कटा हुआ है.
मौके पर एसडीओ प्रभात कुमार बरदियार, एसडीपीओ अनिल शंकर, कोडरमा थाना प्रभारी आनंद मोहन सिंह, महिला थाना प्रभारी दीपांजलि तिर्की, जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रजीत खलखो, संघ के अध्यक्ष पवन माइकल कुजूर, पार्षद मो अली, बालेश्वर राम, डॉ विमल प्रसाद, रवींद्र मुंडा, सोहराय उरांव, तोरण टोप्पनो, उदय मुंडा, तारा सीयूस कुजूर, बेंजामिन एक्का, नंदू उरांव समेत काफी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे. इसके पूर्व स्थानीय लक्खीबागी स्थित सरना स्थल पर पाहन तालो हेंब्रम के नेतृत्व में पूजा कर जुलूस निकाला गया.
जुलूस रांची-पटना रोड कोडरमा बाजार होते मरियमपुर स्थित मुख्य समारोह स्थल पहुंचा. जुलूस में शामिल आदिवासी युवक-युवतियां मांदर की थाप पर आकर्षक नृत्य करते चल रहे थे. समारोह के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान लोगों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक किया गया.

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