26.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लेटेस्ट वीडियो

बेटा-बेटी में भेदभाव मिटाने की जरूरत : शालिनी गुप्ता

Advertisement

जिप अध्यक्ष ने कहा, बेटी प्यार की मूर्त है, तो बेटे संघर्ष की सूरत झुमरीतिलैया : बेटी यदि प्यार की मूर्त है तो बेटा भी संघर्ष की सूरत है. कैसे कहूं किसी एक को महान घर के आंगन को दोनों की जरूरत है. उक्त बातें मंगलवार शाम सीएच स्कूल प्रांगण में आयोजित चरित्र निर्माण शिविर […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

Advertisement

जिप अध्यक्ष ने कहा, बेटी प्यार की मूर्त है, तो बेटे संघर्ष की सूरत

झुमरीतिलैया : बेटी यदि प्यार की मूर्त है तो बेटा भी संघर्ष की सूरत है. कैसे कहूं किसी एक को महान घर के आंगन को दोनों की जरूरत है. उक्त बातें मंगलवार शाम सीएच स्कूल प्रांगण में आयोजित चरित्र निर्माण शिविर के अंतिम दिन मुख्य अतिथि जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने कही. उन्होंने कहा कि आज के समय में लोग बेटों और बेटियों में फर्क करते हैं. यह भेदभाव हमारे घरों से ही शुरू होता है. इस भेदभाव को अपने घरों से दूर करने की जरूरत है. आज जिस प्रकार आर्य वीर दल द्वारा बेटियों को भी शिक्षा व प्रशिक्षण देकर साहसी बनाया जा रहा है, यह वाकई में सराहनीय कार्य है. इस तरह के शिविर से प्रशिक्षण प्राप्त कर बच्चे वीर देश भक्त बन रहे हैं. कुछ वर्ष पूर्व तक महिलाएं स्टेज पर चढ़ने से डरती थी, अब वह समय गुजर चुका है. आज हमारे समाज में नारियों को समानता का अधिकार मिला है. हर क्षेत्र में महिलाएं कदम से कदम मिला कर चल रही है.
सकारात्मक सोच व निरंतर प्रयास ही सफलता का मूल मंत्र है. इसके पूर्व आचार्य सत्यपाल जी सरल, स्वामी सुरेंद्रानंद सरस्वती व आचार्य संदीप ने आर्य वीर दल के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि क्रांति, राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज के 85 प्रतिशत लोगों ने बलिदान दिया. उन्होंने बताया कि सरदार भगत सिंह के दादा महर्षि दयानंद सरस्वती के संपर्क में लाहौर में आये थे. वे सिख होते हुए भी आर्य समाज के पक्के कार्यकर्ता बने. राम प्रसाद वश्मिल एक आर्य समाज के सन्यासी के संपर्क में आने से महान क्रांतिकारी हुए. काकोरी कांड में गोरखपुर जेल में उन्हें फंसी पर चढ़ाया गया. मदन लाल दिगर, उधम सिंह, करतार सिंह, चंद्रशेखर आजाद, भगवती चंद वर्मा, खुदीराम बोस, यतींद्रनाथ दास सभी क्रांतिकारी किसी न किसी रूप में महर्षि दयानंद से प्रभावित थे.
महान क्रांतिकरी लाला लाजपतराय राय आर्य समाज को अपनी मां और महर्षि दयानंद को अपना पिता कहते थे. दुर्भाग्य ये रहा कि हम इन शहीदों को भूल गये. जो कौम अपने बलिदानियों को भूला देती है, वह ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह सकती. उन्होंने कहा कि आज अनेक रूपों में इस देश को मिटाने के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं. इसका मुकाबला करना हम और आप सब का कर्तव्य है. हमारे वे शहीद इस देश को स्वतंत्र करने के लिए फांसी के फंदे को चूम कर चले गये. स्वतंत्रता को सुरक्षित रखना हमारा उत्तरदायित्व है. प्रत्येक भारत वासी के हृदय में देश के प्रति स्नेह प्यार अनिवार्य है. इसी प्यार को आर्य वीर दल के सदस्य आगे बढा रहे हैं. इसके उपरांत शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त किये बच्चों ने एक से बढ़ कर एक व्यायाम और आसन का प्रदर्शन कर उपस्थित अतिथियों का मन मोह लिया. बच्चियों ने रस्सी के सहारे आसन का प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. समापन के अवसर पर 10 दिनों से चल रहे चरित्र निर्माण शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त किए सभी बच्चों को मुख्य अतिथि के द्वारा प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया. मौके पर कार्यक्रम के आयोजक आर्य राज किशोर मोदी, दीनदयाल केडिया, रामरतन महर्षि, आर्य कुलदीप साहू, आचार्य हरि सिंह आर्य, आर्य कौटिल्य, राजेश आर्य, श्रीमोहन लाल आर्य, के साथ साथ मुकेश पांडेय, शशि कुमार, जितेंद्र कुमार, जुबराज पांडेय, अशोक मोदी समेत आर्य वीर दल के सभी सदस्य आदि उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement

अन्य खबरें

Advertisement
Advertisement
ऐप पर पढें