कोडरमा : थाना क्षेत्र के कोलगरमा में धार्मिक स्थल को लेकर दो गुटों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गत दिनों हुई शांति समिति की बैठक के बाद सोमवार को एक बार फिर जिला प्रशासन ने गांव में शांत समिति की बैठक का आयोजन किया था. बैठक में एसडीओ प्रभात कुमार बरदियार, एसडीपीओ अनिल शंकर व अन्य मौजूद थे, पर बैठक के दौरान एक पक्षीय निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए दूसरे गुट के लोग भड़क गये. आक्रोशित लोगों ने थाना प्रभारी आनंद मोहन सिंह व अन्य पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन एकतरफा कार्रवाई करने पर तुला हुआ है.
इसके बाद वे लोग बैठक छोड़कर जिला मुख्यालय की ओर कूच कर गये. गांव के सैकड़ों महिला-पुरुष शाम में जिला मुख्यालय पहुंचे व समाहरणालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गये. ग्रामीणों ने इस संबंध में एसडीओ को एक आवेदन देकर सूचित किया है कि यह धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक पुलिस प्रशासन एकतरफा कार्रवाई करना बंद नहीं करता है. धरना दे रहे लोगों का कहना था कि हमने गांव में एक गुट के लोगों को यह बात कहकर पूर्व में जमीन दी थी, वहां सिर्फ तालिम दी जायेगी, पर आज वहां धार्मिक आयोजन हो रहा है. जब हम सभी उक्त जमीन पर दावा करते हैं तो उल्टा हम लोगों के साथ मारपीट कर केस में फंसा दिया जाता है. 25 मई को कोई मारपीट की घटना नहीं हुई, बावजूद पुलिस ने एक गुट के आवेदन के आधार पर 26 लोगों को आरोपी बना दिया.
जब हम लोग एक महिला के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर आवेदन लेकर थाना प्रभारी के पास गये तो थाना प्रभारी ने देखने से पहले ही इसे फर्जी करार दे दिया. गांव के महादेव यादव, गोपाल साव, पंकज कुमार, मनोज यादव, छोटू यादव, गोपाल महतो, सुरेश साव, महेश शर्मा आदि ने बताया कि शांति समिति की बैठक में भी थाना प्रभारी व डीएसपी ने अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया. बैठक में एक पक्षीय निर्णय लिया जाता है. धरना में सुखदेव यादव, प्रकाश शर्मा, सुरेश साव, श्याम सुंदर साव, प्रकाश साव, मुंशी साव, प्रदीप यादव सहित अन्य महिला-पुरुष बैठे हैं.