खंडहर में तब्दील हो रहा डिपो

लाखों की लागत से बने सरकारी बस डिपो में नहीं रुकती हैं बसें झुमरीतिलैया : तिलैया स्थित सरकारी बस डिपो खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. बस डिपो का हाल यह है कि यहां एक भी बस नहीं ठहरती है. यह शराबियों व मनचलों का अड्डा बन गया है. बस डिपो के संचालन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2014 3:05 AM

लाखों की लागत से बने सरकारी बस डिपो में नहीं रुकती हैं बसें

झुमरीतिलैया : तिलैया स्थित सरकारी बस डिपो खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. बस डिपो का हाल यह है कि यहां एक भी बस नहीं ठहरती है. यह शराबियों व मनचलों का अड्डा बन गया है. बस डिपो के संचालन के लिए बना भवन भी जजर्र हो चला है. यहां तीन कर्मचारी बिना काम के कार्यरत हैं. हर माह बैठे-बैठे वेतन उठा रहे हैं.

डिपो का निर्माण 1986 में हुआ था. उस समय इसमें 40 कर्मचारी कार्यरत थे और बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की 30 बसें आती-जाती थी. 2000 में जैसे ही झारखंड राज्य अलग हुआ, इस स्टैंड पर सरकारी बसों का आना-जाना कम हो गया. रांची-पटना रोड बाइपास का निर्माण हो जाने के बाद से तो डिपो की स्थिति और बदतर हो गयी. बस चालक इधर से वाहन लाने की बजाय सीधे पटना की ओर निकल जाते हैं. ऐसे में यात्री इंतजार करते रह जाते हैं. धीरे-धीरे यात्रियों ने भी यहां आना छोड़ दिया. यहां साफ- सफाई भी नहीं होती है. पीने के लिए पानी भी नहीं मिलता है.

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