अन्नपूर्णा के भाजपा में जाने की खबर से गर्म हुई राजनीति, बदल सकती है कोडरमा की पूरी राजनीतिक फिजा
विकास कोडरमा-रांची : राज्य गठन के बाद से विपक्षी गठबंधन की अगुआई में शामिल रहनेवाली पूर्व मंत्री सह राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल होने की अटकलों ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. महागठबंधन ने रविवार को कोडरमा सीट झाविमो को देने का एेलान कर दिया है. […]
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कोडरमा-रांची : राज्य गठन के बाद से विपक्षी गठबंधन की अगुआई में शामिल रहनेवाली पूर्व मंत्री सह राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल होने की अटकलों ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है.
महागठबंधन ने रविवार को कोडरमा सीट झाविमो को देने का एेलान कर दिया है. इसके साथ यह तय हो गया की लड़ाई अब कांटे की होगी. महागठबंधन की तैयारी बता रही है कि झाविमो सुप्रीमो सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी काेडरमा से चुनाव जरूर लड़ेंगे. ऐसे में कोडरमा में मुख्य विपक्षी दल राजद की प्रदेश अध्यक्ष का भाजपा का दामन थामने की तैयारी की खबर ने सनसनी फैला दी है. विपक्षी एकता बनाये रखने का दावा भी तार-तार होता दिख रहा है.
इस बीच लगातार लग रहे कयासों से राजद के कार्यकर्ता व समर्थक तो हैरान व परेशान हैं ही, भाजपा खेमे में भी हलचल तेज होने के साथ कुछ के बीच बेचैनी का माहौल है. सीटिंग सांसद डाॅ रवींद्र राय का टिकट कटने के लग रहे कयासों से उनके समर्थक सोशल मीडिया पर काउंटर कर रहे हैं.
चुनाव से पूर्व इस तरह की खबरों ने कोडरमा की राजनीति में रोमांच ला दिया है. भाजपा ने रांची, चतरा के साथ कोडरमा सीट पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं कर रोमांच व संशय और बढ़ा दिया है. चर्चा के मुताबिक अन्नपूर्णा देवी भाजपा के संपर्क में है और सही समय आने पर वह अपने पत्ते खोलेंगी. अगर ऐसा हुआ तो कोडरमा की पूरी राजनीतिक फिजा बदल सकती है.
लगातार चार बार विधायक रही हैं अन्नपूर्णा, नीरा से मिली थी पराजय
प्रदेश राजद अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी कोडरमा से चार बार विधायक रह चुकी हैं. इतिहास में झांक कर देखें तो पति रमेश प्रसाद यादव के विधायक रहते हुई मौत के बाद अन्नपूर्णा ने पहली बार वर्ष 1998 में चुनावी मैदान में कदम रखा था और सहानुभूति की लहर में जीत हासिल की थी.
इसके बाद वर्ष 2000, 2005 व 2009 में लगातार तीन बार वह कोडरमा से राजद से ही विधायक चयनित होती रही. वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में तत्कालीन जिप उपाध्यक्ष डाॅ नीरा यादव को अपना उम्मीदवार बनाया तो आमने-सामने की लड़ाई दिखी. नीरा यादव ने करीब 13525 मत से अन्नपूर्णा को पराजित कर दिया था. नीरा यादव को जहां 84874 मत मिले थे, वहीं अन्नपूर्णा देवी को 71349 मत प्राप्त हुआ था.
राय-वर्मा के बीच अन्नपूर्णा की चर्चा, बाकी सब गौण
राजनीतिक उलटफेर व कयासों के दौर में कोडरमा सीट से भाजपा की उम्मीदवारी को लेकर वर्तमान सांसद डाॅ रवींद्र राय के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष प्रणव वर्मा की मजबूत दावेदारी सामने आ रही थी. इसी बीच अन्नपूर्णा देवी के भाजपा में शामिल होने की अटकलों ने इन दोनों नाम के चर्चा के बीच एक नयी जगह बना ली है.
अन्नपूर्णा का नाम आने के बाद टिकट के अन्य दावेदारों का नाम गौण हो गया है. हालांकि, चतरा सीट को लेकर भी अन्नपूर्णा के नाम की चर्चा है. इससे पहले भी अन्नपूर्णा के भाजपा में जाने की खबरें मीडिया में सामने आयी थीं, पर उन्होंने अगले दिन ही इसका खंडन किया था, पर इस बार ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है.
भाजपा, झाविमो के बीच दिखेगा माले का संघर्ष
झारखंड विकास मोरचा का कोडरमा से लड़ना तय है. सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी उम्मीदवार होंगे, वहीं भाजपा में टिकट को लेकर पेच फंसा है, पर इन सभी के बीच भाकपा माले अपने संघर्षों के बल पर मजबूत दावेदारी के साथ इस सीट पर ताल ठोक रहा है. माले ने यहां से राजधनवार विधायक राजकुमार यादव को अपना उम्मीदवार घोषित कर रखा है. राजकुमार पिछले दो लोकसभा चुनाव में भी दूसरे स्थान पर रहे थे. ऐसे में इस बार का मुकाबला भी दिलचस्प होगा.
रवींद्र राय को ही मिलेगा टिकट : भाजपा जिलाध्यक्ष
तमाम कयासों के बीच भाजपा कोडरमा जिला अध्यक्ष रामचंद्र सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि कोडरमा लोकसभा के टिकट को लेकर अन्य लोगों के द्वारा फेसबुक व्हाट्सएप पर जो चलाया जा रहा है, वह पूरी तरह निराधार व अफवाह है.
उन्होंने कोडरमा की जनता से संयम बरतने की अपील की है. रामचंद्र ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व द्वारा आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही टिकट की घोषणा हो जायेगी और पूरा जिला संगठन सांसद डॉ रवींद्र कुमार राय के साथ खड़ा है और टिकट इन्हें ही मिलेगा. जनता व सभी कार्यकर्ता धैर्य रखें.
भाजपा में जाने की बात पर यकीन नहीं : राजद जिलाध्यक्ष
प्रदेश राजद अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच राजद जिलाध्यक्ष गुलाम जिलानी ने कहा कि मुझे इस बात पर यकीन नहीं है. अगर फिर भी ऐसा होता है, तो कुछ कहा नहीं जा सकता है.
आज जैसी स्थिति बनी है, उससे कार्यकर्ता व समर्थक भी नाराज हैं. राजद लालू प्रसाद यादव की विचारधारा वाली पार्टी है. राजनीतिक दल विचारधारा से चलता है. कोई अगर दूसरे दल का दामन थामता है, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. पार्टी अपनी जगह कायम रहेगी.
तार-तार होता दिख रहा है विपक्ष की एकता बनाये रखने का दावा, टिकट को लेकर पूरी तरह फंसा पेच
भाजपा द्वारा रांची, चतरा और कोडरमा सीट पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं करने से भी बढ़ गया है रोमांच