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कोडरमा : अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा, दो गिरफ्तार

साइबर फ्रॉड : एटीएम कार्ड का क्लोन बना कर पैसा उड़ाने वालों पर कोडरमा पुलिस का शिकंजा कोडरमा : बैंक ग्राहकों का पासवर्ड जानने के बाद एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर खाते से पैसा उड़ाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने गिरोह के सरगना निवासी बिहार के गया जिले के […]

साइबर फ्रॉड : एटीएम कार्ड का क्लोन बना कर पैसा उड़ाने वालों पर कोडरमा पुलिस का शिकंजा

कोडरमा : बैंक ग्राहकों का पासवर्ड जानने के बाद एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर खाते से पैसा उड़ाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है.

पुलिस ने गिरोह के सरगना निवासी बिहार के गया जिले के बड़ही बिगहा वजीरंगज निवासी संतोष कुमार यादव (32) और कोडरमा के पुरनानगर रोड निवासी अनुज राय (32) को गिरफ्तार किया है. इनके पास से विभिन्न बैंकों के दस एटीएम कार्ड, दो मोबाइल, स्विफ्ट डिजायर कार, एमेजॉन व ईवे से मंगाया गया मैग्नेटिक कार्ड रीडर व राइटर की प्राप्ति रसीद बरामद की है.

उक्त जानकारी सोमवार को पुलिस अधीक्षक डाॅ एम तमिल वाणन ने तिलैया थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. एसपी ने बताया कि यह पूरा गिरोह आठ से दस लोगों का है. गिरोह के लोग विभिन्न एटीएम में घात लगाये रहते हैं. कई बार पैसा निकालने के दौरान एटीएम के अंदर प्रवेश कर पैसा निकालने में मदद करने की बात कहते हुए पासवार्ड देख लेते हैं और झांसा देकर एटीएम कार्ड को स्कैन कर लेते हैं.

इससे एटीएम कार्ड से संबंधित सभी जानकारी मशीन में आ जाती है. इस मशीन में दोबारा दूसरा कार्ड डाल कर उसकी जानकारी फीड कर देते हैं और पैसे की निकासी कर लेते थे.

दुकानदार व एटीएम गार्ड कमीशन लेकर ग्राहकों का पासवाॅर्ड बताते हैं: एसपी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कुछ बड़े दुकानदार व एटीएम गार्ड पांच प्रतिशत तक कमीशन लेकर ग्राहकों का पासवाॅर्ड बताते हैं. डोमचांच में एक ऐसे गार्ड को चिह्नित किया गया है, जबकि दुकानदारों के बारे में जानकारी व साक्ष्य जुटाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अनुज का ससुराल वजीरगंज है. यहां आने-जाने के दौरान वर्ष 2013 में उसकी दोस्ती संतोष से हुई.

संतोष पहले से मैग्नेटिक कार्ड रीडर व राइटर की मदद से एटीएम क्लोनिंग का काम करता था. उसी ने अनुज को स्कीमर मशीन दिया था. प्रशिक्षण लेने के बाद अनुज तिलैया, कोडरमा व अन्य इलाकों में एटीएम मशीन में मदद करने के बहाने से धोखे से स्कीमर से स्वैप करता था व क्लोन एटीएम बनाने के लिए संतोष को भेज देता था. संतोष क्लोन एटीएम बनाकर अनुज को देता था. अनुज जहां-तहां से एटीएम से पैसा निकाल लेता था और इसमें से 50 प्रतिशत वह संतोष को देता था.

इधर, लॉटरी के नाम पर झांसा देकर ठगते थे पैसा, 80 खाता खुलवाने वाला गिरफ्तार

पुलिस ने साइबर क्राइम के एक अन्य मामले में लाखों रुपये की लॉटरी निकलने का झांसा देकर पैसा ठगने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है.

आरोपी की पहचान कोडरमा के दुधीमाटी निवासी बबलू कुमार (28) रूप में हुई है. एसपी ने बताया कि धनबाद का एक गिरोह लोगों को लॉटरी निकलने का मैसेज भेज कर अलग-अलग बैंक खातों में पैसा मंगवाता था. खाताधारकों से एटीएम कार्ड व पासवर्ड पहले रख कर पैसे की निकासी गिरोह कर रहा है. गिरोह ने खाताधारकों को प्रत्येक माह दो हजार रुपये देने की बात कही थी.

एसपी ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड संतोष मात्र पांचवीं पास है, पर साइबर क्राइम में एक्सपर्ट है. गिरोह के चार सदस्य इन दिनों राजस्थान जेल में और दो सदस्य ओड़िशा की जेल में बंद हैं.

इन दिनों जेल से बाहर रह कर संतोष अनुज व अन्य के मार्फत से घटनाओं को अंजाम दे रहा था. संतोष का नेटवर्क झारखंड बिहार के अलावा राजस्थान तक फैला है. वह राजस्थान में साइबर क्राइम की घटना को अंजाम देने के लिए लग्जरी कार से जाता था. संतोष के पास स्कोडा, स्विफ्ट डिजायर, इंडिगो व एक अन्य लग्जरी कारें हैं.

कोडरमा के विभिन्न इलाकों में पिछले एक माह के दौरान साइबर क्राइम के सात मामले दर्ज होने पर पुलिस नजर रख रही थी. इसी दौरान अनुज को तिलैया के एटीएम में संदिग्ध स्थिति में पकड़ा गया और पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर संतोष को गिरफ्तार किया.

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार संतोष वर्ष 2015 से अब तक साइबर क्राइम के मामलों में कई बार जेल जा चुका है. उसके विरुद्व राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, कोटगेट, चितौड़गढ़, फलोदी, विजयनगर, बिहार के बिहार शरीफ थाना में मामला दर्ज है.

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