सेविका, सहायिका व पोषण सखी का प्रदर्शन

सरकार की गलत नीतियों के कारण बढ़ रहा है कुपोषण : संजय पासवान कोडरमा बाजार : अखिल भारतीय आंगनबाड़ी सेविका सहायिका फेडरेशन (आइफा-सीटू) के आह्वान पर देशव्यापी मांग दिवस के अवसर पर आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका व पोषण सखी ने बुधवार को समाहरणालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया. आंगनबाड़ी कर्मियों को स्थायी करने, आइसीडीएस के लिए बजट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2019 12:37 AM

सरकार की गलत नीतियों के कारण बढ़ रहा है कुपोषण : संजय पासवान

कोडरमा बाजार : अखिल भारतीय आंगनबाड़ी सेविका सहायिका फेडरेशन (आइफा-सीटू) के आह्वान पर देशव्यापी मांग दिवस के अवसर पर आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका व पोषण सखी ने बुधवार को समाहरणालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया.
आंगनबाड़ी कर्मियों को स्थायी करने, आइसीडीएस के लिए बजट आवंटन बढ़ाने, 45वें श्रम सम्मेलन को लागू करते व न्यूनतम वेतन 18 हजार, सामाजिक सुरक्षा और पेंशन देने, आइसीडीएस में कारपोरेट कंपनियों और एनजीओ की भागीदारी बंद करने आदि मांगों को लेकर यह प्रदर्शन झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ (सीटू) के बैनर तले हुआ.
धरना की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मीरा देवी, संचालन मंजू मेहता व शोभा प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर वामपंथी नेता व सीटू राज्य कमेटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण कुपोषण लगातार बढ़ रहा है.
बिहार के मुजफ्फरपुर में 150 बच्चों की दुखद व अकाल मृत्यु ने कुपोषण के मुद्दे को राजनीतिक विमर्श के केंद्र में ला दिया है. आज देश में लगभग छह करोड़ बच्चे कम वजन के हैं. 45 प्रतिशत बौने और 20 प्रतिशत अति कुपोषित, 75 प्रतिशत एनीमिया के शिकार तथा 57 प्रतिशत में विटामिन की कमी है. दुनिया के कुल कुपोषित बच्चों की आधी संख्या भारत में है. सीटू नेता रमेश प्रजापति ने कहा कि मोदी सरकार की नवउदारवाद नीतियों के कारण सरकारी व्यवस्थाएं प्रभावी नहीं हो रही.
आज इसके खिलाफ व्यापक जनांदोलन खड़ा करना होगा. जिलाध्यक्ष मीरा देवी व सचिव पूर्णिमा राय ने कहा कि आइफा व सीटू प्रतिवर्ष 10 जुलाई को मांग दिवस मनाती है और विभिन्न मुद्दों को उठाती है. इस साल हम बिहार में अकाल मृत्यु को प्राप्त उन बच्चों को याद करते हुए ये संकल्प लेते हैं कि भारत को कुपोषण मुक्त बनाने तथा आइसीडीएस और इसके वर्कर्स के लिए एक समग्र नीति लाने के लिए अपने संघर्षों को और मजबूत करेंगे.
धरना के बाद 11 सूत्री मांग पत्र उपायुक्त के नाम सौंपा गया, जिसमें केंद्रीय मांगों सहित जिला में छह माह से बकाया पोषाहार राशि व सेविका सहायिका पोषण सखी का लंबित मानदेय भुगतान करने, वर्ष 2016-2017 में तीन माह का मानदेय तकनीकी कारणों से खातों में नहीं गया है उसे अविलंब भेजने, आंगनबाड़ी केंद्रों मे बच्चों को दी जानेवाली खिचड़ी हेतु चावल नियमित रूप से देने तथा पूर्व की तरह आंगनबाड़ी के बच्चों को अंडा दिये जाने की मांग शामिल है.
इस अवसर पर संध्या वर्णवाल, सुनीता देवी, कुमारी अनामिका, सरस्वती देवी, चिंतामणि देवी, आशा देवी, सुषमा देवी, अनीता, गायत्री, बबीता, कांति, संतोषी, उषा देवी, अफसाना, रूकसार बेगम, सुरैया खातून, याशमीन, रूबी खानम, देवंती, संगीता, आरसी प्रवीण, गायत्री वर्णवाल, सुनीता वर्णवाल, पिंकी, कंचन, प्रमीला, अनार देवी, शीला, उर्मिला, पूनम देवी, विद्यावती, रंजु, प्रियंका, ममता वर्मा, शर्मिला, पार्वती, बेबी सहित अन्य सेविका सहायिका और पोषण सखी उपस्थित थीं.

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