कहीं पेयजल की जगह जहर तो नहीं पी रहे आप?
ये दोनों चीजें आम इंसान को बना सकती है बीमार, रहें जागरूक कोडरमा : अभ्रक नगरी कोडरमा में रहकर कहीं आप पेयजल की जगह जहर तो नहीं पी रहे हैं? जी हां अगर आप बिना जल की शुद्धता की जांच कराये पानी का प्रयोग वर्षों से पीने के लिए कर रहे हैं तो सतर्क हो […]
ये दोनों चीजें आम इंसान को बना सकती है बीमार, रहें जागरूक
कोडरमा : अभ्रक नगरी कोडरमा में रहकर कहीं आप पेयजल की जगह जहर तो नहीं पी रहे हैं? जी हां अगर आप बिना जल की शुद्धता की जांच कराये पानी का प्रयोग वर्षों से पीने के लिए कर रहे हैं तो सतर्क हो जाइए और सबसे पहले पेयजल की शुद्धता की जांच कराइये. ऐसा इसलिए क्योंकि जिले के कुछ इलाकों में पानी में फ्लोराइड व आयरन की मात्रा की अधिकता ने यहां रह रहे लोगों की परेशानी बढ़ा रखी है.
ग्रामीण इलाकों के बाद फ्लोराइड युक्त पानी का यह दायरा अब शहरी क्षेत्र तक पहुंच गया है. ऐसे में पेयजल के उपयोग से पहले उसकी शुद्धता को लेकर पूरी तरह कन्फर्म हों तभी इसका प्रयोग करें.
जानकारी के अनुसार पिछले कई दफा हुए जांच में कोडरमा प्रखंड के मेघातरी स्थित करहरिया के बाद सुदूरवर्ती गझंडी के पास स्थित जरगा के इलाकों में पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक पायी गयी है. इसके अलावा कोडरमा के करमा, लक्खीबागी, पुरनानगर, डोमचांच के एक-दो गांव के पानी में आयरन की मात्रा तय मापदंड से अधिक मिली है. इसके अलावा अन्य कई जगह हैं जहां का पानी पीने योग्य नहीं है.
यह पूरा रिकॉर्ड जिला जल जांच प्रयोगशाला कोडरमा कार्यालय की है. रिकॉर्ड की मानें तो मेघातरी के करहरिया के विभिन्न जगहों पर लिए गये पानी के सैंपल में फ्लोराइड की मात्रा 2.04 से लेकर 2.16 व कुछ जगहों पर इससे भी अधिक अलग-अलग पायी गयी है. इससे कहीं ज्यादा खराब स्थिति जरगा की है. यहां पर विभिन्न जगहों पर लिए गये पानी सैंपल की जांच में फ्लोराइड की मात्रा 2.9, 3.1 तक पाया गया है, जबकि पानी में फ्लोराइड 0.60 से 1.5 एमजी/लीटर से ज्यादा नहीं रहना चाहिए.