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चंदवारा के शिक्षक की मौत का मामला : पूर्व विधायक अकेला सहित 12 आरोपियों ने किया आत्म समर्पण

कोडरमा : झारखंड के बरही से भाजपा के पूर्व विधायक उमाशंकर यादव उर्फ अकेला यादव सहित 12 आरोपियों ने बुधवार को सीजेएम शेखर कुमार की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण के बाद न्यायालय ने पूर्व विधायक समेत सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में मंडल कारा कोडरमा भेज दिया. अदालत में पूर्व विधायक के अलावा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2019 9:57 PM

कोडरमा : झारखंड के बरही से भाजपा के पूर्व विधायक उमाशंकर यादव उर्फ अकेला यादव सहित 12 आरोपियों ने बुधवार को सीजेएम शेखर कुमार की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण के बाद न्यायालय ने पूर्व विधायक समेत सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में मंडल कारा कोडरमा भेज दिया. अदालत में पूर्व विधायक के अलावा काली यादव, त्रिभुवन मोदी, राम प्रसाद स्वर्णकार, संतोष स्वर्णकार, दिलीप राणा, प्रमोद वर्मा, रंजीत सोनी, धीरज सोनी, दीपक सोनी, संदीप सोनी व महेंद्र सोनी ने सरेंडर किया.

जानकारी के अनुसार, चंदवारा थाना क्षेत्र अंतर्गत घोरवाटांड़ निवासी सरस्वती शिशु मंदिर के शिक्षक कवि कुमार गुप्ता उर्फ सोनू की मौत 11 सितंबर, 2016 को होने के बाद चंदवारा में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई थी. मामले ने उस समय और अधिक तूल पकड़ लिया था, जब कवि के शव को उरवां मोड़ के समीप चंदवारा के दो युवक छोड़ कर भाग गये थे और आनन-फानन में तत्कालीन थाना प्रभारी वकार हुसैन ने बिना परिजनों के सूचना दिए कोडरमा सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा दिया था.

बाद में परिजनों ने कवि की हत्या की आशंका जाहिर की थी, पर सदर अस्पताल कोडरमा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पानी में डूबने से बताया गया था. इस रिपोर्ट पर एतराज जताया गया था, तो पूरा मामला गंभीर हो गया था. इसके बाद मामले की जानकारी हजारीबाग के पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा और बरही के पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला को मिली, तो वे लोग मृतक के घर पहुंचे थे. यहां परिजनों ने कवि की हत्या होने की बात कही और इंसाफ की मांग करने लगे थे. इसी बात पर पूर्व विधायक अकेला कवि के शव को दोबारा रिम्स में पोस्टमार्टम कराने की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ बजरंगबली चौक के समीप बैठ गये. बाद में स्थिति बिगड़ गई और तोड़फोड़ आगजनी की घटना हुई.

इस घटना के बाद तत्कालीन डीएसपी कर्मपाल उरांव ने सड़क जाम करने के आरोप में विभिन्न धाराओं के साथ चंदवारा थाना में कांड संख्या 72/16 दर्ज करवाया गया था. दर्ज मामले में अज्जू सिंह, अरुण सिंह, अशोक सिंह, बाबूलाल यादव, कुलदीप सोनार, भरत मोदी, घनश्याम मोदी, प्रदीप सोनार, रामप्रसाद सोनार, रामसेवक सोनी, कृष्णा सोनार, द्वारिका राणा एवं अज्ञात 100-150 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. इसके अलावा, कांड संख्या 74/16 तत्कालीन सीओ नंदकुमार राम ने दर्ज करवाया था. इसमें पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला, काली यादव, त्रिभुवन मोदी, राम प्रसाद स्वर्णकार, संतोष स्वर्णकार, दिलीप राणा, प्रमोद वर्मा, रंजीत सोनी, संदीप सोनी, अज्जू सिंह आदि को नामजद अभियुक्त बनाया गया था.

इसके पहले कवि की हत्या मामले में मृतक की मां आशा देवी ने थाने में आवेदन देकर चंदवारा के मोहम्मद सरफराज पिता मोहम्मद करामत मियां व अन्य लोगों पर कांड संख्या 71/16 धारा 302/34 भारतीय दंड विधान संहिता के तहत दर्ज कराया था. घटना के बाद पुलिस ने चंदवारा निवासी सरफराज अंसारी पिता करामत मियां, मिराज मियां पिता इस्लाम मियां, इम्तियाज अंसारी पिता अनवर मियां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसमें सरफराज अंसारी को नाबालिक होने का लाभ मिला और उसे बेल मिल गया है, जबकि मिराज अंसारी व इम्तियाज अंसारी आज भी कोडरमा जेल में बंद हैं.

सरेंडर से पूर्व उमाशंकर अकेला समर्थकों के साथ चंदवारा पहुंचे, जहां बजरंगबली मंदिर में पूजा अर्चना की. बाद में वे अन्य आरोपियों के साथ कोडरमा पहुंचे. कोडरमा प्रेस क्लब भवन में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे न्यायालय का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि जनता को हक दिलाने तथा कवि को न्याय दिलाने के लिए हमने प्रशासन से उचित जांच करने की मांग की थी.

मामले में चंदवारा पुलिस के पक्षपातपूर्ण रवैया तथा सदर अस्पताल कोडरमा के चिकित्सकों द्वारा गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिए जाने को लेकर अपने समर्थकों के साथ मांग की थी. उनके तथा उनके समर्थकों द्वारा किसी भी प्रकार का कानून का उल्लंघन नहीं किया गया न ही सड़क जाम किया और न ही किसी को क्षति पहुंचाई थी. रिम्स के रिपोर्ट में कवि की हत्या की बात सामने आई है. प्रशासन ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए हमारे साथ-साथ कई लोगों को बेवजह केस में फंसा दिया. देर-सवेर हमें जरूर न्याय मिलेगी.

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