झारखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे कोडरमा के बच्चे
बाल श्रम से मुक्त हुए तीन बच्चे बाल मुद्दों पर रखेंगे बात दिल्ली में 16 से 18 दिसंबर तक आयोजित होगी नेशनल चिल्ड्रेन एसेंबली कोडरमा : बाल मजदूरी के लिए बदनाम कोडरमा के बच्चे एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी लीडरशिप का जलवा दिखायेंगे. पूरे झारखंड से कोडरमा के तीन बच्चों का चयन नेशनल […]
बाल श्रम से मुक्त हुए तीन बच्चे बाल मुद्दों पर रखेंगे बात
दिल्ली में 16 से 18 दिसंबर तक आयोजित होगी नेशनल चिल्ड्रेन एसेंबली
कोडरमा : बाल मजदूरी के लिए बदनाम कोडरमा के बच्चे एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी लीडरशिप का जलवा दिखायेंगे. पूरे झारखंड से कोडरमा के तीन बच्चों का चयन नेशनल चिल्ड्रेन एसेंबली में शिरकत करने को लेकर हुआ है. चयनित बच्चों में कोडरमा की बेकोबार निवासी अंशु कुमारी व शिवानी कुमारी के अलावा बुच्चीटांड निवासी सचिन कुमार शामिल हैं. ये बच्चे शनिवार को राजधानी एक्सप्रेस से नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए. इनके साथ भारतीय किसान संघ व टीडीएच की श्वेता कुमारी व एलिस बेसरा भी दिल्ली रवाना हुई.
जानकारी के अनुसार आगामी 16 से 18 दिसंबर तक नयी दिल्ली में आयोजित होनेवाली नेशनल चिल्ड्रेन एसेंबली में शामिल होने के लिए इन बच्चों का चयन हुआ है. कभी बाल श्रम का दंश झेलने वाली अंशु व शिवानी वर्तमान में दसवीं कक्षा में पढ़ रही है, जबकि सचिन आठवीं का छात्र है. इन बच्चों के अंदर लीडरशिप क्वालिटी डेवलप करने का प्रयास बीकेएस व टीडीएच ने किया.
इसके बाद इन बच्चों का हौसल बढ़ा और ये आज दिल्ली में वक्तव्य रखने के लिए रवाना हुए. ये बच्चे संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन के 30 वर्ष पूरा होने के अवसर पर दिल्ली के नेहरू युवा केन्द्र में आयोजित नेशनल चिल्ड्रेन एसेंबली का हिस्सा रहेंगे.
यह आयोजन नेशनल एक्शन को-ऑर्डिनेशन ग्रुप फॉर इंड वायलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रेन द्वारा किया गया है. दिल्ली में तीन दिनों तक बच्चे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण प्रतियोगिता, बाल संसद में भाग लेंगे. साथ ही देश भर से आये बच्चों के साथ संसद भवन व राष्ट्रपति भवन भी जायेंगे.
इससे पहले बाल संसद में विभिन्न राज्यों से आये बच्चे बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल तस्करी, कन्या भ्रूण हत्या आदि ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे. भारतीय किसान संघ के निदेशक संजय कुमार मिश्र ने बातचीत में कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इन बच्चों को राष्ट्र स्तर पर अपनी बात रखने का मौका मिला है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कोडरमा व गिरिडीह के अभ्रक उद्योग में करीब 4400 बाल मजदूर हैं.
ऐसे बाल मजदूरों को चिह्नित कर उनके जीवन स्तर को सुधारना हम सभी का कर्तव्य है और हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि तीनों बच्चों के अंदर लीडरशिप क्वालिटी डेवलप की गयी है. ये बच्चे मजबूती से अपनी बात बाल संसद में रखेंगे और खुद तय करेंगे कि बच्चों का भविष्य कैसे बेहतर हो सके.