ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का व्यापक असर

कोडरमा : मजदूर विरोधी नीति व केंद्र सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र को बेचे जाने का आरोप लगाते हुए व असंगठित क्षेत्र के सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन देने, उन्हें सामाजिक क्षेत्र के दायरा में लाने, नयी पेंशन नीति वापस लेने आदि मांगों लेकर बुधवार को यहां जगह-जगह रैली, जुलूस, धरना व प्रदर्शन हुआ. सीटू के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2020 12:01 AM

कोडरमा : मजदूर विरोधी नीति व केंद्र सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र को बेचे जाने का आरोप लगाते हुए व असंगठित क्षेत्र के सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन देने, उन्हें सामाजिक क्षेत्र के दायरा में लाने, नयी पेंशन नीति वापस लेने आदि मांगों लेकर बुधवार को यहां जगह-जगह रैली, जुलूस, धरना व प्रदर्शन हुआ.

सीटू के नेतृत्व में आंगनबाड़ी संघ की सेविका, सहायिका व पोषण सखी कोडरमा दुर्गा मंडप से जुलूस की शक्ल में बाजार होते हुए समाहरणालय परिसर पहुंची. यहां वो कर्मचारी, एएनएम, जीएनएम, सहिया के संयुक्त महाधरना में शामिल हो गयी. सभा में न्यूनतम वेतन 21 हजार करना होगा, निजीकरण पर रोक लगाओ, पुरानी पेंशन नीति लागू करो, सभी रिक्त पदों पर बहाली करो, अनुबंध व आउटसोर्सिंग बंद करो, मजदूर विरोधी सरकार मुर्दाबाद आदि नारे लगाये जा रहे थे. समाहरणालय में आयोजित सभा की को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सीटू राज्य कमेटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश कर रही है.
हड़ताल का हथियार ही छीन जायेगा, तो मजदूर गुलाम बन जायेंगे. उद्योग खोलने के बजाय बंद करने की नीति के हम खिलाफ है. यह पूंजीपतियों को सस्ता लेबर देने का ही उपाय है. आउटसोर्सिंग तो मजदूरों को मालिकों को दास बना देगा. समान काम का समान वेतन भुगतान सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, लेकिन उसे लागू नहीं किया जा रहा है.
वहीं आंगनबाड़ी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि कम वेतन में आंगनबाड़ी कर्मी, सहिया से काम लिया जा रहा है उनका लगातार शोषण हो रहा है. यह सरकार नौकरी देने की जगह इंडियन एयरलाइंस, भारत पेट्रोलियम, बीपीसीएल को बेच रही है. बैंक, बीमा, रेलवे व कोयला क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है. यह देश का मजदूर वर्ग बर्दाश्त नहीं करेगा संघर्ष और तेज होगा. सभा की अध्यक्षता कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र तिवारी व संचालन जिला सचिव शैलेंद्र पांडेय ने की.
प्रदर्शन में आंगनबाड़ी कर्मी, सहिया, एएनएम, जीएनएम, राजस्व कर्मचारी, जनसेवक, होमगार्ड, जिला समाहरणालय, प्रखंड अंचल के तृतीय चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी सहित कई संगठन शामिल थे. इस अवसर पर दिनेश रविदास, राजकुमार दास, नीरज सिंह, प्रकाश चंद्र राय, शोभा प्रसाद, वर्षा रानी, महेंद्र तुरी, रवींद्र कुमार, शकुंतला मेहता, पूर्णिमा राय, मंजू मेहता, सरस्वती देवी, विमला देवी, बेबी, अनामिका, यशोदा देवी, मुनि दास, नीलम यादव, नूसरत बानो, बबीता देवी, रेखा देवी, प्रभा, संध्या वर्णवाल, रीना देवी, नूतन सिंह, वसुंधरा देवी, रेणु पांडेय, तर्रनुम खातून, सरस्वती देवी, लीलावती, पार्वती, सीता देवी, नेहा, सुपरवाइजर पूनम कुमारी, तरुण लाल, विपुल कुमार, सहदेव राम, अरविंद कुमार, गिरधारी कुमार, भुनेश्वर राम, प्रमोद बक्शी, प्रेम नारायण मेहता, विकास कुमार, कंचन कपूर, विपिन कुमार, रिशम, राजेंद्र यादव, दुर्गा राम, संतोष राणा, उदय बक्सी, रवि रंजन, इंद्रदेव यादव आदि मौजूद थे.
हड़ताल के समर्थन में वाम दलों ने निकाला मार्च: कोडरमा. विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आहूत आम हड़ताल के समर्थन में सीपीआइ, सीपीआइएम, भाकपा माले के तत्वावधान में बुधवार को झुमरीतिलैया स्थित कला मंदिर से मार्च निकाला गया.
मार्च का नेतृत्व सीपीआइ जिला मंत्री प्रकाश रजक, सीपीआइएम के जिला सचिव रमेश प्रजापति, माले के जिला सचिव मोहन दत्ता कर रहे थे. स्थानीय झंडा चौक पर मार्च पहुंच कर नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गया. यहां सभा की अध्यक्षता करते हुए माले जिला सचिव मोहन दत्ता ने कहा कि धीरे-धीरे श्रम कानून को मोदी सरकार कमजोर कर रही है. बेरोजगारी निरंतर बढ़ रही है.
आर्थिक हालत बिगड़ी हुई है. रुपये का अवमूल्यन हो रहा है. इस परिस्थिति में हड़ताल करना जरूरी था. वहीं जिप सदस्य महादेव ने कहा कि मोदी सरकार कोयला खदानों का भी निजीकरण कर रही है, जिससे बेरोजगारी और बढ़ेगी. देश की आर्थिक स्थिति और कमजोर होगा. देश में अमीरी और गरीबी के बीच खाई बढ़ेगी. सिर्फ कॉल ब्लॉक ही नहीं रेलवे जैसे विभाग को सैकड़ों स्टेशन प्राइवेट कंपनी को दे दिया गया है.

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