एलआइसी को बचाने को लेकर सांकेतिक हड़ताल

झुमरीतिलैया : भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मंगलवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार निगम से संबंधित केंद्र सरकार द्वारा लिये गये निर्णय को गलत बताते हुए एक घंटे की सांकेतिक हड़ताल की. हड़ताल अवधि के दौरान सभी ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया. बीमा कर्मचारी संघ, कल्याण संघ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2020 12:19 AM

झुमरीतिलैया : भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मंगलवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार निगम से संबंधित केंद्र सरकार द्वारा लिये गये निर्णय को गलत बताते हुए एक घंटे की सांकेतिक हड़ताल की. हड़ताल अवधि के दौरान सभी ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया.

बीमा कर्मचारी संघ, कल्याण संघ व एनएफआइएफडब्लूआइ के संयुक्त तत्वावधान में प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मंडल अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि यह लड़ाई अभी शुरू हुई है और तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार अपने गलत निर्णय को वापस नहीं ले लेती है.
उन्होंने कहा कि एक फरवरी को पेश किये गये बजट में भाजपा सरकार ने एलआइसी के कुछ हिस्से को बेचने की मंशा बनायी है, जो भारत जैसे देश के लिए घातक सिद्ध होगा. भारतीय जीवन बीमा निगम का गठन बीमा विधेयक अधिनियम के तहत मात्र पांच करोड़ की पूंजी से हुआ था, जो आज महज 64 वर्षों के बाद विश्व की नंबर एक संस्था बन गयी है. महज पांच करोड़ के बदले भारत सरकार को वर्ष 2018 -19 में 2611 करोड़ रुपये का लाभांश के रूप में भुगतान किया.
जब-जब भारत सरकार की आर्थिक स्थिति खराब हुई, निगम ने ही सुधार में सहयोग दिया है. जब जब कोई बैंक डूबने की स्थिति में पहुंची, तो निगम ने उसे अधिग्रहण किया. सरकार अगर साजिश के तहत इसे किसी निजी कंपनी को सौंपती है. तो पब्लिक का पैसा असुरक्षित होने के साथ ही प्रीमियम का दर भी दोगुना हो जायेगा. एक साजिश के तहत केंद्र सरकार निगम के कुछ हिस्सों को बेच कर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी को तोड़ने का प्रयास कर रही है.
इसके विरोध में आगे भी प्रदर्शन होगा. मौके पर अमित कुमार, कुमार अशोक, कालिका साह, रामेश्वर, संजय लोहानी, अमन सिन्हा, लक्ष्मी ठाकुर, विशाल कुमार, सत्येंद्र पाठक, ज्योतिंद्र, सुनील कुमार, रामलाल, रोहित कुमार, अमर कुमार, सुधीर कुमार, सुबोध शर्मा, हरेंद्र सिंह आदि मौजूद थे.

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