सतगावां में स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कूड़े के ढेर में मिली भारी मात्रा में सरकारी दवाइयां, जांच के आदेश
सतगावां (कोडरमा) : जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठ रहे सवालों के बीच सोमवार को सनसनीखेज मामला सामने आया. एक तरफ जहां सरकारी अस्पतालों में दवा की अनुपलब्धता की बात अक्सर सामने आती हैं, वहीं दूसरी ओर सुदूरवर्ती सतगावां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास भारी मात्रा में सरकारी दवा कूड़े के ढेर के पास […]
सतगावां (कोडरमा) : जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठ रहे सवालों के बीच सोमवार को सनसनीखेज मामला सामने आया. एक तरफ जहां सरकारी अस्पतालों में दवा की अनुपलब्धता की बात अक्सर सामने आती हैं, वहीं दूसरी ओर सुदूरवर्ती सतगावां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास भारी मात्रा में सरकारी दवा कूड़े के ढेर के पास गड्ढे में फेंके मिली.
हालांकि, ये दवाइयां एक्सपायर्ड हो चुकी है. फेंकी गयी दवाइयों में आयरन की गोलियां, पारासिटामोल टेबलेट, सिरप आदि शामिल हैं. ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ गया है. भारी मात्रा में इस तरह दवा फेंके जाने का मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन डा. पार्वती कुमारी नाग ने जांच के निर्देश दिए हैं.
निर्देश पर जिला स्तर से पहुंची टीम व अन्य ने मामले की जांच की. प्रथम दृष्टया मामला पूरी तरह साफ नहीं हो पाया है. हालांकि, इसमें एक-दो उप स्वास्थ्य केंद्रों की भूमिका पर संदेह जताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार दोपहर में स्वास्थ्य केंद्र के पास गड्ढे में सरकारी दवा फेंके होने की बात व तस्वीर सोशल मीडिया में सामने आयी.
सूचना पाकर बीडीओ बैधनाथ उरांव ने इसकी जानकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रमोहन कुमार को दी. इस पर डॉ. चंद्रमोहन ने गड्ढे से दवा निकालकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टॉक रजिस्टर से मिलान किया. मिलान के बाद दवाई स्टॉक रजिस्टर से नील मिला.
उन्होंने बताया कि वितरण पंजी के स्टॉक रजिस्टर पर 4/12/2019 को नौ उपस्वास्थ्य केंद्रों को दवा दी गई थी. उन्होंने पूरे मामले से अवगत कराते हुए बासोडीह उप स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया. यहां वितरण रजिस्टर में पारासीटा मोल 200 में 55 वितरण करने का रिकार्ड सामने आया, जबकि बाकी दवा का कोई स्टॉक नहीं मिला.
इधर, इस मामले को लेकर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. रमन कुमार भी सतगावां पहुंचे व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मामले की जांच की. जांच के दौरान उपस्थित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि साजिश के तहत गड्ढे में दवा फेंका गया है. यह दवा हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महीनों से नील है.
उन्होंने यह भी कहा कि कोठियार में एएनएम शिखा घोष को सेवानिवृत्त के बाद पुष्पा कुमारी का स्थानांतरण करते हुए उप स्वास्थ्य केंद्र कोठियार भेजा गया है, पर उन्होंने अब तक योगदान नहीं दिया है. ऐसे में मेरे विरुद्ध षडयंत्र रचने का प्रयास चल रहा है. सभी दवा वर्ष 2016 से जनवरी 2020 तक की एक्सपाइरी की है. मौके पर डॉ. आशीष कुमार, डॉ. पंकज कुमार कर्मकार, डॉ. टिकेश्वर नाथ आदि मौजूद थे.