कोडरमा बाजार : सामूहिक नरसंहार में दो को फांसी की सजा

कोडरमा बाजार : जिले के सतगावां प्रखंड के डुमरी गांव में वर्ष 2004 में हुए सामूहिक नरसंहार के मामले में बुधवार को स्थानीय अदालत ने ऐतिहासिक फैसला दिया है. जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने इस कांड में दोषी करार दिये गये खाब निवासी संजय प्रसाद यादव (पिता बाल कृष्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2020 7:51 AM

कोडरमा बाजार : जिले के सतगावां प्रखंड के डुमरी गांव में वर्ष 2004 में हुए सामूहिक नरसंहार के मामले में बुधवार को स्थानीय अदालत ने ऐतिहासिक फैसला दिया है.

जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने इस कांड में दोषी करार दिये गये खाब निवासी संजय प्रसाद यादव (पिता बाल कृष्ण महतो) व डुमरी सतगांवा निवासी रामवृक्ष यादव (पिता स्व. वजीर राउत) को फांसी की सजा सुनायी है. दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

व्यवहार न्यायालय कोडरमा के इतिहास में पहली बार किसी हत्याकांड के दोषियों को फांसी की सजा सुनायी गयी है. जानकारी के अनुसार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सतगांवा थाना कांड संख्या 34/04 की सुनवाई करते हुए कांड के आरोपी संजय प्रसाद यादव व रामवृक्ष यादव को पहले ही दोषी करार दिया था. साथ ही सजा को लेकर बुधवार की तिथि निर्धारित की थी. 25 सितंबर 2004 को सूचक डुमरी सतगांवा निवासी सुरेश कुमार के बयान पर मामला दर्ज किया गया था.

सूचक सुरेश कुमार ने अपने पिता सेवानिवृत्त शिक्षक कपिलदेव प्रसाद यादव, भाई नीरज कुमार उर्फ सुधीर कुमार, अनोज कुमार व सकलदेव यादव की हत्या करने का आरोप उक्त दोनों आरोपियों के अलावा 16 लोगों पर लगाया था. उक्त मामले को लेकर पूर्व में ही एक आरोपी सुनील यादव को न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनायी जा चुकी है.

नरसंहार में नक्सलियों का सहयोग लेने का भी था आरोप

जिस वक्त यह मामला दर्ज किया गया था, उस समय नरसंहार में नक्सलियों का सहयोग लेने का भी आरोप था, लेकिन बाद में मामले की हुई सीआइडी जांच में नक्सली घटना की बात सामने नहीं आने पर धारा 17 सीएलए एक्ट को हटा दिया गया था. पुलिस ने अनुसंधान के बाद न्यायालय में सात आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें से एक की बाद में मौत हो गयी थी. अनुसंधान में जमीन विवाद व पुरानी रंजिश की बात भी सामने आयी थी. चार आरोपी अब भी फरार हैं.

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