पुराने मामले में सरेंडर करने गये थे कोर्टउस कार्यक्रम में मैं था ही नहीं : विनोद आत्मसमर्पण के बाद विधायक विनोद सिंह ने पत्रकारों से कहा कि जिस घटना में पुलिस ने उन्हें नामजद अभियुक्त बनाया है, उस कार्यक्रम में वह उपस्थित ही नहीं थे. तत्कालीन एसपी ने भी उस समय कहा था कि कांड में अंकित विनोद सिंह बगोदर के विधायक नहीं, बल्कि कोई अन्य है. इसके बावजूद पुलिस की त्रुटि के कारण उन्हें न्यायालय का सम्मान करते हुए समर्पण करना पड़ा. 10कोडपी 13,14. अदालत में आत्मसमर्पण करने जाते माले विधायक विनोद सिंह. कोडरमा बाजार. सरकारी काम में बाधा डालने व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एक पुराने मामले में बगोदर से भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण किया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. श्री सिंह के साथ माले नेता लक्ष्मण मंडल व अधिवक्ता बबन मेहता ने भी कोर्ट में सरेंडर किया. वकील प्रकाश राम ने बताया कि श्री सिंह की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है. क्या है मामला : जिला मत्स्य प्रसार पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने 30 अगस्त 2010 को कोडरमा थाने (कांड संख्या 339/10) में मामला दर्ज कराया गया था. इसमें 22 लोगों पर समाहरणालय परिसर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत कई आरोप लगाये गये थे. इस मामले में अन्य अभियुक्त पहले ही जमानत ले चुके हैं.
जेल भेजे गये माले विधायक विनोद सिंह
पुराने मामले में सरेंडर करने गये थे कोर्टउस कार्यक्रम में मैं था ही नहीं : विनोद आत्मसमर्पण के बाद विधायक विनोद सिंह ने पत्रकारों से कहा कि जिस घटना में पुलिस ने उन्हें नामजद अभियुक्त बनाया है, उस कार्यक्रम में वह उपस्थित ही नहीं थे. तत्कालीन एसपी ने भी उस समय कहा था कि कांड […]
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