मोह-माया त्याग 27 साल की देवांगना बनेंगी जैन साध्वी
जैन धर्म का प्रचार प्रसार करेंगी़
कोडरमा. शहर के जाने-माने व्यवसायी सुरेश झाझंरी के छोटे भाई व जैन समाज झुमरीतिलैया के मंत्री नरेंद्र झाझंरी की 27 वर्षीया पुत्री देवांगना झाझंरी ने संसार की मोह माया व धन संपदा को त्याग कर वैराग्य पथ अपनाने का निश्चय किया है़ वह ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर साध्वी दीदी का जीवन जीने के लिए अग्रसर हो गयी है़ं बहुत जल्द दीक्षा ग्रहण कर वह जैन साध्वी बनेंगी़ इसके बाद पूरे भारत वर्ष में पैदल भ्रमण कर जैन धर्म का प्रचार प्रसार करेंगी़ ऐसे समय में जब समाज में चंद पैसों व जमीन जायदाद के लिए आपस में लड़ाई हो जा रही है, देवांगना ने आर्किटेक्ट की डिग्री हासिल करने के बाद लाखों रुपये के वेतन वाली नौकरी छोड़ साध्वी बनने की राह पकड़ी है़ जानकारी के अनुसार, जैन धर्म के महान संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज की विदुषी शिष्या आर्यका पूर्णमति माताजी से शहर की बेटी देवांगना झाझंरी ने धर्म संस्कार लेकर ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर लिया है़ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में धर्म प्रभावना के बाद झुमरीतिलैया पहुंचने पर जैन समाज के लोगों ने देवांगना का उनके घर पर पहुंच कर भव्य स्वागत किया़ वहीं बाद में मंदिर में उनके स्वागत सम्मान के लिए धर्म सभा आयोजित की गयी. बैंड बाजा ढोल नगाड़े के साथ उनके परिवार के सभी लोगों को समाज द्वारा माला पहना कर, तिलक लगा कर स्वागत किया गया़ ज्ञात हो कि डीएवी पब्लिक स्कूल झुमरीतिलैया में पढ़ने के बाद देवांगना ने हिसार स्थित जिंदल विद्यालय से पढ़ाई की़ उन्हें आर्किटेक्ट की डिग्री भी मिली़ इंस्पायरिंग स्पेस बेंगलुरु में इंटर्नशिप किया़ सफूरना डिजाइंस भरूच गुजरात में लाखों की सैलरी का जॉब किया़, फिर इसे छोड़ आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लिया़ पिछले दो सालों से जैन धर्म की महान साध्वी आर्यका पूर्णमति माताजी के सानिध्य में वह शिक्षा और धर्म संस्कार का उपार्जन कर रही है़ं
गुरु ही सच्चे मार्ग को प्रकाशित करते हैं : देवांगना
जैन मंदिर में ब्रह्मचारिणी दीदी देवांगना झाझंरी ने अपने संबोधन में कहा कि गुरु के बिना जीवन अधूरा है़ गुरु ही सच्चे मार्ग को प्रकाशित करते हैं. गुरु के आशीर्वाद प्रकाश से ही जीवन सफल बन सकता है़ समाज के कार्यकारी अध्यक्ष कोषाध्यक्ष सुरेंद्र जैन काला ने स्वागत भाषण दिया और कहा कि देवांगना झाझंरी ने पूरे देश में झुमरीतिलैया का नाम रोशन कर दिया है़ इनके त्याग तपस्या को हम वंदन करते हैं. वहीं उप मंत्री राज छाबड़ा ने कहा कि इस युवा उम्र में संसार की धन संपदा को छोड़ना आसान बात नहीं है़ निवर्तमान पार्षद पिंकी जैन ने कहा कि जैन धर्म में मोक्ष प्राप्त करने के लिए संयम धर्म को अंगीकार करना आवश्यक है़ देवांगना संयम की साधना से जल्द दीक्षा ग्रहण कर उच्च पद जैन माताजी साध्वी बनेंगी़ जैन महिला समाज की अध्यक्ष नीलम सेठी, सचिव आशा गंगवाल, शोभा पांड्या व रिद्धि सेठी आदि ने भी देवांगना के त्याग को सराहा़ कार्यक्रम के दौरान समाज की महिलाओं व बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी़ मौके पर मीडिया प्रभारी नवीन जैन, राजकुमार अजमेरा सहित जैन समाज के कई लोग मौजूद थे़डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है