रामचंद्र महतो यानी पत्थर पर दूब उगाने का माद्दा
– राजेश सिंह – जयनगर : प्रखंड के ग्राम नयीटांड़ निवासी आठवीं क्लास पास रामचंद्र महतो ने साबित कर दिखाया है कि परिश्रम से पत्थर पर भी फूल उगाये जा सकते हैं. रामचंद्र इन दिनों क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा स्नेत बन गये हैं. वर्ष 2001 में अपनी ढाई एकड़ बंजर भूमि में पपीता […]
– राजेश सिंह –
जयनगर : प्रखंड के ग्राम नयीटांड़ निवासी आठवीं क्लास पास रामचंद्र महतो ने साबित कर दिखाया है कि परिश्रम से पत्थर पर भी फूल उगाये जा सकते हैं. रामचंद्र इन दिनों क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा स्नेत बन गये हैं. वर्ष 2001 में अपनी ढाई एकड़ बंजर भूमि में पपीता की खेती से उन्होंने कृषि कार्य शुरू किया था.
आज उनके बगीचा में आम, खीरा, मिर्च, हल्दी, ओल, करेला सहित कई सब्जियां उगायी जा रही है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है. 2001 के पूर्व रामचंद्र दिल्ली में रह कर काम करते थे. वहां से लौटने के बाद उन्होंने खेती करने की ठानी. इस दिशा में कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर व आत्मा कोडरमा का उन्हें काफी सहयोग मिला. अपनी सफलता का श्रेय श्री महतो इन दोनों सरकारी संस्थाओं को देते हैं.
श्री महतो ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र से उन्हें खेती की नयी तकनीक सीखने को मिली. उनका बड़ा पुत्र अनिल कुमार आइटीआइ कर रहा है. दूसरा पुत्र मुकेश कुमार बीए पार्ट टू का विद्यार्थी है. जबकि छोटा पुत्र रमेश आइएससी की पढ़ाई कर रहा है.
यह सब कुछ खेती से होने वाली आमदनी से हो रहा है. रामचंद्र ने बताया कि प्रतिवर्ष लगभग 70000 रुपये का उन्हें मुनाफा होता है. उन्होंने यह भी बताया कि यदि यहां तक बिजली आ जाये, तो इस व्यवसाय को और भी बढ़ाया जा सकता है.