आपसी रंजिश में हुई थी हत्या, दो गिरफ्तार
जयनगर : थाना क्षेत्र के गोहाल गांव में बुधवार की शाम हुई हत्या के मामले में पुलिस ने मृतक जगदीश पंडित के छोटे भाई स्व यमुना पंडित की पत्नी मो दर्शनी व उसके पुत्र प्रदीप पंडित को गिरफ्तार किया है. मृतक जगदीश की पत्नी फुलवा देवी के बयान पर जयनगर थाना में मो दर्शनी के […]
जयनगर : थाना क्षेत्र के गोहाल गांव में बुधवार की शाम हुई हत्या के मामले में पुलिस ने मृतक जगदीश पंडित के छोटे भाई स्व यमुना पंडित की पत्नी मो दर्शनी व उसके पुत्र प्रदीप पंडित को गिरफ्तार किया है. मृतक जगदीश की पत्नी फुलवा देवी के बयान पर जयनगर थाना में मो दर्शनी के अलावा प्रदीप पंडित व विजय पंडित (दोनों के पिता स्व यमुना पंडित, नंदोडीह निवासी) को नामजद आरोपी बनाया है.
विजय पंडित फिलहाल फरार है. उल्लेखनीय है बीती संध्या गोहाल साप्ताहिक हाट से श्रृंगार साम्रगी बेच कर अपने घर नंदोडीह लौट रहे जगदीश पंडित की हत्या कर दी गयी थी. हत्या का कारण आपसी रंजिश बताया जाता है. हालांकि हत्या कैसे हुई, इसका खुलासा पोस्टमार्टम के बाद होगा. पुलिस का मानना है कि हत्या चाकू से हुई. मगर ग्रामीणों का कहना है कि गोली की आवाज सुन कर वे लोग घटना स्थल पर पहुंचे थे.
पोस्टमार्टम के लिए एक बजे भेजा गया शव : जगदीश की हत्या बीती संध्या 6.30 बजे के आस-पास हुई थी.
मगर पोस्टमार्टम के लिए उसका शव घटना के दूसरे दिन दोपहर एक बजे कोडरमा भेजा गया. इस दौरान मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीण अड़े थे. मामले की जानकारी मिलने पर पूर्व विधायक अमित कुमार यादव थाना पहुंचे और दूरभाष पर उच्चाधिकारियों से बातचीत की. दोपहर 12.15 बजे बीडीओ रुद्र प्रताप भी थाना पहुंचे अपने उच्चाधिकारियों से उन्होंने राय ली और इंदिरा आवास तथा अंचल से 20 हजार रुपये की सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास के लिए फिलहाल आवंटन नहीं है
राशि उपलब्ध होते ही इंदिरा आवास दे दिया जायेगा. मौके पर जिप सदस्य प्रतिनिधि श्री कांत यादव, केदार नाथ यादव, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष संदीप कुमार पांडेय, झाविमो नेता महावीर यादव, डाॅ बंशीधर, पंसस मनोज दास, जयप्रकाश राम, विजय पंडित, चतुरानंद मिश्र, शशिभूषण चौधरी, मुखिया प्रतिनिधि राजेश पासवान, सुरेंद्र पासवान, वार्ड सदस्य शिशुपाल सिंह, विनोद यादव, सुधीर सिंह, रामजी यादव आदि मौजूद थे.
उम्र को लेकर भी हुआ विवाद : ग्रामीणों द्वारा जब मुआवजा की मांग की जा रही थी, तब बीडीओ रुद्र प्रताप ने बताया कि 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को मुआवजा नहीं मिलता. इस पर बीडीओ ने अपने अधिकारियों से दूरभाष पर विचार-विमर्श किया. जहां उन्हें बताया गया कि मृतक की उम्र 71 वर्ष बतायी जा रही है. मगर पुलिस द्वारा तैयार रिपोर्ट में मृतक की उम्र 50 वर्ष ही दर्ज है. इस खुलासे के बाद मुआवजे पर सहमति बनी.