सीओ व डीसी के अंगरक्षक पर प्राथमिकी

मरकच्चो (कोडरमा) : मरकच्चो के डाक बंगला परिसर से सागवान व शीशम के पेड़ काटे जाने के मामले में गुरुवार को मरकच्चो सीओ संदीप कुमार मधेसिया, डीसी के अंगरक्षक कृष्णा वर्मा, मरकच्चो थाना के कंप्यूटर ऑपरेटर दिनेश तुरी व पंच-छह अज्ञात पर मामला दर्ज किया गया था़ उप विकास आयुक्त केके ठाकुर के आवेदन पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 8:31 AM
मरकच्चो (कोडरमा) : मरकच्चो के डाक बंगला परिसर से सागवान व शीशम के पेड़ काटे जाने के मामले में गुरुवार को मरकच्चो सीओ संदीप कुमार मधेसिया, डीसी के अंगरक्षक कृष्णा वर्मा, मरकच्चो थाना के कंप्यूटर ऑपरेटर दिनेश तुरी व पंच-छह अज्ञात पर मामला दर्ज किया गया था़ उप विकास आयुक्त केके ठाकुर के आवेदन पर मरकच्चो थाना में कांड संख्या 83/15 दर्ज किया गया है.
मामला दर्ज करने को लेकर दिये गये आवेदन के साथ संलग्न बयान की दो कॉपी ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. पहले बयान की कॉपी ग्रामीण कैलाश नाथ पांडेय की है, तो दूसरे बयान की कॉपी चौकीदार सुबोध कुमार यादव की है. चौकीदार के बयान में डीसी के अंगरक्षक कृष्णा वर्मा व अन्य का नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख है. ज्ञात हो कि इन दिनों उपायुक्त छवि रंजन छुट्टी पर हैं
ग्रामीण व चौकीदार का बयान अहम : पूरे प्रकरण में ग्रामीण कैलाश नाथ पांडेय पिता दयानंद पांडेय निवासी मरकच्चो दक्षिणी व चौकीदार सुबोध कुमार यादव पिता स्व बासुदेव महतो का बयान अहम हो गया है.
ग्रामीण कैलाश पांडेय के बयान में लिखा है कि पेड़ कटाई के दिन सीओ के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारी सह सीआइ जीवन राम व अन्य मौजूद थे. वहीं चौकीदार सुबोध कु यादव के बयान की कॉपी में लिखा है कि पेड़ काटने के दौरान साइट पर सीओ खुद मौजूद थे. साथ ही थाना का कंप्यूटर आपरेटर दिनेश तुरी व उपायुक्त का अंगरक्षक कृष्णा वर्मा भी थे.
भाजपा नेता ने डीसी के खिलाफ खोला मोरचा : इधर, भाजपा के जिला महामंत्री शिवेंद्र नारायण ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर उपायुक्त कोडरमा के खिलाफ मोरचा खोल दिया है.
शिवेंद्र नारायण ने आरोप लगाया है कि डाक बंगला से सागवान के पेड़ काटने के मामले से कई सवाल उठते हैं. उन्होंने सीओ की मौजूदगी व बाद में उपायुक्त आवास पर लकड़ी भेजे जाने का आरोप सामने आने की बात कहते हुए अन्य आरोप लगाये हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि जिला प्रशासन एक तरफ खुद गलत कर रहा है और दूसरी तरफ स्थानीय लोगों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा किया जा रहा है.

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