अतिक्रमण से अस्तित्व खो रही अरघौती नदी

कोडरमा बाजार : एक तरफ राज्य सरकार पहाड़, जंगल व नदियों को बचाने के लिए नित्य नये फरमान जारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय स्थित बरसोतियाबर से सटे अरघौती नदी अतिक्रमण के कारण अपना अस्तित्व खो रही है. यदि शीघ्र अतिक्रमण नहीं रोका गया, तो नदी का अस्तित्व तो मिटेगा ही, आसपास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2015 8:05 AM
कोडरमा बाजार : एक तरफ राज्य सरकार पहाड़, जंगल व नदियों को बचाने के लिए नित्य नये फरमान जारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय स्थित बरसोतियाबर से सटे अरघौती नदी अतिक्रमण के कारण अपना अस्तित्व खो रही है.
यदि शीघ्र अतिक्रमण नहीं रोका गया, तो नदी का अस्तित्व तो मिटेगा ही, आसपास के लोगों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. मिली जानकारी के मुताबिक नदी के एक हिस्से को साजिश के तहत भरा जा रहा है ताकि नदी के दूसरे हिस्से की जमीन को ऊंची कीमत पर बेची जा सके. यह नदी आस्था से भी जुड़ी है. छठ के मौके पर हजारों श्रद्धालु यहां अर्घ्य देने आते हैं.
यहां मुक्ति धाम भी है. इसके अलावे क्षेत्र में होनेवाले अनुष्ठान व यज्ञ में कलशधारी अरघौती नदी से ही कलश में जल उठाते हैं. नदी का एक किनारा बंद हो जाने से बरसात में आसपास के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

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