लीड… 15 मिनट भी नहीं हो रही है जलापूर्ति

लीड… 15 मिनट भी नहीं हो रही है जलापूर्ति फ्लैग- 15 लाख की लागत से शुरू की गयी थी लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनापेयजल स्वच्छता समिति के बजाय संवेदक कर रहा है संचालन 8कोडपी5. खेड़ोबर में डीप बोरिंग का जलमीनार.जयनगर. प्रखंड के कंद्रपडीह पंचायत के खेड़ोबर गांव में वर्ष 2011-12 में 15 लाख रुपये खर्च कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 12:00 AM

लीड… 15 मिनट भी नहीं हो रही है जलापूर्ति फ्लैग- 15 लाख की लागत से शुरू की गयी थी लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनापेयजल स्वच्छता समिति के बजाय संवेदक कर रहा है संचालन 8कोडपी5. खेड़ोबर में डीप बोरिंग का जलमीनार.जयनगर. प्रखंड के कंद्रपडीह पंचायत के खेड़ोबर गांव में वर्ष 2011-12 में 15 लाख रुपये खर्च कर झारखंड सरकार पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल झुमरीतिलैया द्वारा लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू की गयी थी. लेकिन स्थिति यह है कि लोगों को मुश्किल से 10 मिनट ही पानी मिल पाता है. इस गांव में 450 फीट डीप बोरिंग कर पाइप लाइन के माध्यम से जलापूर्ति योजना शुरू हुई थी, मगर 200 परिवार के इस गांव में मात्र 20-25 घरों में कनेक्शन हुआ है. डीप बोरिंग से सीधे गांव के एक व्यक्ति को कनेक्शन दिया गया है. वह व्यक्ति पेयजल का सदुपयोग करने के बजाय उसी पानी से खेती बाड़ी कर रहा है. इससे भी जलापूर्ति बाधित हो रही है. डीप बोरिंग व जलमीनार तो है, मगर विधिवत संचालन नहीं होने के कारण अक्सर ही जलापूर्ति बाधित रहती है. सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इस जलापूर्ति योजना का संचालन ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति व जल सहिया को करना है. मगर यह अधिकार संवेदक ने अपने पास रखा है.डीप बोरिंग का असर जल स्तर पर: 450 फीट डीप बोरिंग करने के बाद भी जहां एक ओर जलापूर्ति सुचारू नहीं हुई है, वहीं दूसरी ओर इसका सीधा असर गांव के जल स्तर पर पड़ा है. डीप बोरिंग के कारण जल स्तर नीचे चला गया व गांव के कुएं सूखने लगे है व चापानल भी दम तोड़ने लगा है. पूर्व मुखिया शिवकुमार यादव ने बताया कि संवेदक व कुछ लोगों की मिलीभगत से पेयजल संकट और गहराता जा रहा है. उल्लेखनीय है इस गांव का स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र एक मात्र चापानल पर आश्रित है. अधिकार समिति को मिले संचालन : पंससपंचायत की पंसस बिंदवा देवी ने बताया कि ग्रामीणों ने भी उनसे शिकायत की है. ग्रामीणों की शिकायत पर उन्होंने निरीक्षण किया, तो पाया कि संवेदक व कुछ लोगों की मिलीभगत के कारण जलापूर्ति बाधित हो रही है. मगर ऐसा नहीं चलेगा. जिस उद्देश्य यह योजना शुरू की गयी है, उसे पूरा कर लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन जल सहिया व ग्राम पेयजल स्वच्छता समिति के माध्यम से होना चाहिए. मगर संवेदक ने अपना एक ऑपरेटर रख कर समिति के इस अधिकार पर कब्जा जमा रखा है. वे इस समस्या को उपायुक्त को अवगत कराते हुए संचालन का अधिकार समिति को देने की मांग करेंगी. इधर दामोदर यादव, पिंटू कुमार, अजय यादव, प्रेम यादव, सदन यादव आदि ने सभी घरों में कनेक्शन देकर नियमित जलापूर्ति करने की मांग की है.

Next Article

Exit mobile version