डीएलओ व बैंक मैनेजर गिरफ्तार

घोटालेबाज पर कार्रवाई. भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर एसीबी की बड़ी कार्रवाई भ्रष्ट तंत्र पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का बड़ा वार, डीएलओ की गिरफ्तारी से और भी हो सकते हैं खुलासे. निगरानी की पूछताछ में सहायक नवलेश ने उगला था राज. बिफरे थे डीएलओ. बैंक आफ इंडिया के बाद एक्सिस बैंक के मैनेजर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2016 5:35 AM
घोटालेबाज पर कार्रवाई. भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर एसीबी की बड़ी कार्रवाई
भ्रष्ट तंत्र पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का बड़ा वार, डीएलओ की गिरफ्तारी से और भी हो सकते हैं खुलासे. निगरानी की पूछताछ में सहायक नवलेश ने उगला था राज. बिफरे थे डीएलओ. बैंक आफ इंडिया के बाद एक्सिस बैंक के मैनेजर की गिरफ्तारी से हड़कंप.
कोडरमा : जिले में पूरी तरह जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार पर लगातार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की वार पड़ रही है. खास कर चंदवारा में भू-अर्जन को लेकर लाभुकों को दी जानेवाली मुआवजा राशि में कमीश्नखोरी के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई व जांच का दायरा बढ़ने से हर तरफ हड़कंप है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बीती रात निलंबित बीएलअो शारदा नंद देव को बोकारो के चास स्थित कुंवर सिंह कॉलोनी में बने आवास से गिरफ्तार किया. जबकि एक्सिस बैंक के मैनेजर राजीव कुमार जैन को भी गिरफ्तार किया है. जनवरी के प्रथम सप्ताह में जब इस मामले को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक साथ भू-अर्जन कार्यालय व नाजिर सह सहायक नवलेश कुमार के सुंदर नगर स्थित मकान में छापामारी की थी, तो तभी इसमें वरीय पदाधिकारियों की मिलीभगत की बात सामने आ गयी थी. नाजिर ने तो उसी दिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों की ओर से की गयी पूछताछ में इस बात का खुलासा किया था कि लाभुकों से ली जाने वाली कमीशन की राशि में से बड़ा हिस्सा डीएलओ अपने पास रख लेते थे. हालांकि उस समय डीएलओ ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों के समक्ष इससे इंकार करते हुए सहायक को खरी -खोटी सुनायी थी.
शराब के नशे में डीएलओ गाली -गलौज पर उतर आये थे. कहा था हमने पैसा लिया, वेन-वेन (कब) बताओ. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने डीएलओ से सही से पेश आने को कहा था. तब जाकर वे शांत हुए थे. इसी दिन डीएलओ को उनके सरकारी आवास से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पूछताछ के लिए लेकर जिला मुख्यालय पहुंची थी.
वे बार-बार बुलाने के बावजूद नहीं आ रहे थे. निगरानी सात जनवरी को नाजिर को अपने साथ रांची ले गयी थी और डीएलओ के साथ ही बैंक अॉफ इंडिया व एक्सिस बैंक के शाखा प्रबंधक को पूछताछ के लिए रांची बुलाया था. पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया गया था. कुछ दिनों बाद 26 फरवरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोडरमा में छापामारी कर नाजिर नवलेश कुमार व बीओआइ के शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार मजूमदार को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि जानकारी के अनुसार छापामारी करने से पहले ही निगरानी ने कुछ साक्ष्य जुटा लिए थे. इसके बाद भू-अर्जन कार्यालय व दोनों बैंकों में छापामारी की गयी थी, पर बाद में पूछताछ के दौरान डीएलओ व शाखा प्रबंधक सफाई देने लगे.
जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि कमीशनखोरी में डीएलओ की मुख्य भूमिका है. इसी बीच सरकार ने नाजिर सह सहायक व डीएलओ को निलंबित कर दिया और निगरानी की जांच तेज हुई. पूरी तरह हुए खुलासे के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डीएलओ के खिलाफ अलग से आय से अधिक संपत्ति का केस चलाने की अनुमति भी मांगी है. अब जब निलंबित डीएलओ पकड़े गये हैं, तो इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं. इस मामले की जद में एक बड़े अधिकारी भी आ सकते हैं, ऐसी चर्चा है.
सैकड़ों एकड़ जमीन अधिग्रहण मामले में भी गड़बड़ी की आशंका
कोडरमा में पिछले कुछ वर्षों से 11 अलग-अलग परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है या फिर अधिगृहित जमीन के बदले मुआवजा देने की कार्रवाई चल रही है़
इसमें कोडरमा से रांची रेल लाइन में कुल 14 गांव की जमीन अधिगृहित की गयी. इसमें कुल रैयत भूमि 94.31780 एकड़ है़ इसमें चंदवारा मौजा की ही करीब 52 एकड़ जमीन शामिल है़ 11 परियोजनाओं के लिए 101 गांव की 1925.2409 एकड़ रैयती भूमि में से आधा से अधिक का मुआवजा भुगतान हो चुका है. कुछ पर प्रक्रिया निगरानी की छापामारी के दौरान अंतिम चरण में थी. अगर इन परियोजनाओं को लेकर भी निगरानी ने जांच शुरू की, तो कई और खुलासे होने के आसार हैं.
एंटी करप्शन ब्यूरो को मिली थी शिकायत
निगरानी को शिकायत मिली थी कि कोडरमा से हजारीबाग तक बनी रेल लाइन जो बरकाकाना होते हुए रांची को जोड़ेगी में चंदवारा मौजा के कुछ जमीन मालिकों की जमीन अधिगृहित की गयी है़
करीब 52 एकड़ जमीन का मुआवजा देने के नाम पर करोड़ों रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए निगरानी को शिकायत मिली थी़ चंदवारा की ही सुषमा देवी व अन्य सात आठ लोगों ने इस संबंध में शिकायत की थी, तो ब्यूरो ने कांड संख्या 71/15 दर्ज करते हुए इसकी जांच शुरू की थी. सात जनवरी की छापामारी में टीम ने नवलेश कुमार के यहां से दस्तावेज व अन्य सामान जब्त किये थे. 4.30 लाख नकद व कई बैंक खाते व आभूषण भी मिले थे. जांच में सामने आया था कि कमीशन के रूप में लाखों रुपये नहीं लिये जाते थे, बल्कि बैंक से यह राशि सीधे निकाल ली जाती थी़ यही नहीं लाभुकों का खाता नवलेश के घर में ही खुलता था. निगरानी ने उस समय बीओआइ व एक्सिस बैंक की शाखा में भी छापामारी की थी.

Next Article

Exit mobile version