वार्ता विफल रही भूख हड़ताल जारी
जयनगर : बांझेडीह पावर प्लांट के आका कंपनी में कार्यरत मजदूर राजकुमार साव व छोटे लाल मंडल ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से प्लांट के गेट नंबर एक के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. शुक्रवार को प्रबंधन द्वारा वार्ता की पहल की, मगर वार्ता विफल रही और भूख हड़ताल जारी है. उल्लेखनीय […]
जयनगर : बांझेडीह पावर प्लांट के आका कंपनी में कार्यरत मजदूर राजकुमार साव व छोटे लाल मंडल ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से प्लांट के गेट नंबर एक के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी है.
शुक्रवार को प्रबंधन द्वारा वार्ता की पहल की, मगर वार्ता विफल रही और भूख हड़ताल जारी है. उल्लेखनीय है कि दोनों मजदूरों ने अपने 27 माह के लंबित मानदेय व आका कंपनी द्वारा पास रद्द करने के विरोध में पहले हड़ताल की. मांगे नहीं माने जाने पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है.
श्री साव ने बताया कि वे लोग पे स्लिप के आधार पर मानदेय की मांग कर रहे है.मगर कंपनी अपने हिसाब से मानदेय देना चाह रही है. जबकि यह मामला लेबर कोर्ट मे लंबित है. वार्ता में दोनों मजदूरो के अलावा विस्थापित विकास समिति के सुनील यादव, महेंद्र यादव, विक्की राणा, पंसस प्रतिनिधि मुन्ना यादव, मुकेश साव, सीआईएसएफ के सहायक कमांडेट डी डुंगडुंग सहित डीवीसी के कई अधिकारी मौजूद थे.
कंपनी मानदेय देने को तैयार है : प्रबंधन
डीवीसी प्रबंधन के सूत्रों की मानें, तो आका कंपनी में राजकुमार साव व छोटेलाल मंडल के लंबित मानेदय का चेक बनाकर डीवीसी को सौंप दिया है. कंपनी इन्हें मानेदय देने को तैयार है बावजूद इसके मजदूर अपनी जिद पर अड़े हैं.
प्रबंधन का कहना है कि आका कंपनी द्वारा अबतक का हिसाब जोड़ कर जो राशि दी जा रही है उसे मजदूर लें. यदि न्यायालय ने आदेश दिया कि उक्त राशि के अलावा भी राशि देनी है तो न्यायालय का सम्मान करते हुए वह राशि भी दी जायेगी. मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी द्वारा मजदूरों से एकाउंट नंबर मांगा गया था कई बार निबंधित डाक से इसके लिए पत्राचार भी किया. मगर मजदूर अपने हिसाब से मजदूरी लेने की जिद्द पर अड़े हैं.
विस्थापित विकास समिति ने किया समर्थन
मजदूर राजकुमार साव व छोटेलाल मंडल की भूख हड़ताल को विस्थापित विकास समिति ने समर्थन दिया. भूख हड़ताल कर रहे मजदूरों के समर्थन में समिति के लोग भी धरना स्थल पर बैठे, विफल रही वार्ता में भी शामिल हुए. समिति के सदस्य सुनील यादव ने कहा कि प्रबंधन की मनमानी नहीं चलेगी, विस्थापितों को उनका वास्तविक हक अधिकार दिया जाये, भूख हडताल पर बैठे मजदूरों की मांगे पूरा किया जाये.