एनजीओ चलायेंगे कल्याण विभाग के आवासीय स्कूल
संजय रांची : कल्याण विभाग अपने कई आवासीय विद्यालयों का संचालन गैर सरकारी संस्थाअों (एनजीअो) को देने जा रहा है. यह स्कूल डीएवी (अावासीय विद्यालय बुंडू) व एनजीअो द्वारा पहले से संचालित कुल पांच स्कूलों से अलग होंगे. एनजीअो का चयन अभी प्रक्रियाधीन है. स्कूलों के बेहतर संचालन तथा पठन-पाठन का अनुकूल माहौल बनाने के […]
संजय
रांची : कल्याण विभाग अपने कई आवासीय विद्यालयों का संचालन गैर सरकारी संस्थाअों (एनजीअो) को देने जा रहा है. यह स्कूल डीएवी (अावासीय विद्यालय बुंडू) व एनजीअो द्वारा पहले से संचालित कुल पांच स्कूलों से अलग होंगे. एनजीअो का चयन अभी प्रक्रियाधीन है.
स्कूलों के बेहतर संचालन तथा पठन-पाठन का अनुकूल माहौल बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि कल्याण विभाग एससी, एसटी, पीटीजी व ओबीसी बच्चों के लिए 132 विद्यालयों का संचालन करता है. इनमें एकलव्य व आश्रम विद्यालय भी शामिल हैं. उक्त स्कूलों में बच्चों की कुल क्षमता 21,300 है. इन स्कूलों के लिए शिक्षकों के 1063 पद सृजित हैं, जिसमें से 449 पद रिक्त हैं. शिक्षकों की कमी कल्याण के स्कूलों की अकेली समस्या नहीं है. इन स्कूलों की हालत पहले से बदतर रही है.
यहां पानी, बिजली, भोजन व शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी सहित पठन-पाठन का अनुकूल माहौल नहीं है. खुद विभागीय रिपोर्ट (2009 व 2011 की) में यह बात सामने आ चुकी है कि वहां बच्चे विपरीत परिस्थिति में पढ़ रहे हैं. राज्य के 23 जिलों (कोडरमा में आवासीय विद्यालय नहीं है) में स्थित इन आवासीय विद्यालयों में से 108 का सर्वे किया गया था.
इससे संबंधित रिपोर्ट विभाग को सौंपी गयी थी. रिपोर्ट के बाद कुछ शिक्षकों की बहाली तो हुई, लेकिन आधारभूत संरचना की हालत लगभग वही है. अब सरकार गैर सरकारी क्षेत्र के जरिये कम से कम पठन-पाठन में सुधार लाना चाहती है. रांची जिले के आवासीय विद्यालयों की स्थिति तुलनात्मक रूप से अन्य जिलों से बेहतर है.
शिक्षक समायोजित होंगे
एक विभागीय अधिकारी के अनुसार एनजीअो से संचालित स्कूलों में शिक्षक भी उनके ही होंगे. जैसे अभी संचालित कुछ स्कूलों में हैं. ऐसे में जिन स्कूलों का संचालन एनजीअो को मिलेगा, वहां कार्यरत स्थायी शिक्षकों का समायोजन रिक्त पदों के विरुद्ध विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में किया जायेगा.
कितने स्कूलों का संचालन एनजीअो को मिलेगा, यह अभी तय नहीं है. चयनित संस्थाअों की क्षमता तथा जरूरत के आधार पर निर्णय लिया जायेगा. सौंपे जानेवाले स्कूल 10 भी हो सकते हैं या फिर 20, 50 तथा अधिक भी.
राजीव अरुण एक्का, सचिव कल्याण विभाग