कोडरमा बाजार : बियावन जंगलों के बीच सर्पीली घाटियां, बलखाती नदियां व अनवरत बहते झरनों का अजब संयोग अभ्रकांचल के नाम से विख्यात कोडरमा में है. प्रकृति की लगभग हर छटा को कोडरमा अपनी हाथों में समेटे हुए है.
बस इंतजार है नये वर्ष के आगमन का. फिर देर किस बात की है नववर्ष का शानदार आगाज करना हो या फिर 2016 को बेहतरीन विदाई देना हो, तो चले आइये कोडरमा. यहां आपको हर वो चीज मिलेगी, जो आप चाहते हैं, बशर्तें कि आप प्रकृति के पुजारी हों. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित पिकनिक स्पॉटों पर अभी से पर्यटकों की भीड़ दिखने लगी हैं. तिलैया डैम से लेकर ध्वजाधारी धाम व अन्य जगहों पर लोग पुराने साल की विदाई व नये साल के आगमन के आगाज में पहुंचने का कार्यक्रम भी बना रहे हैं. जिले के पिकनिक स्पॉटों पर पेश है रिपोर्ट…
ध्वजाधारी धाम : प्रकृति की गोद में बसे हैं महादेव
नववर्ष का मौका और ध्वजाधारी धाम की चर्चा न हो, ऐसा हो नहीं सकता. जिला मुख्यालय से सटे फुलवरिया जंगल में धवजाधारी धाम स्थित है. यहां पिकनिक प्रेमी पिकनिक मनाने के साथ-साथ देवाधिदेव महादेव समेत अन्य देवी- देवताओं का दर्शन कर नववर्ष की मंगल कामना कर सकते हैं. इस धाम में केवल शाकाहारी व्यंजनों का ही आनंद लिया जा सकता है. साथ ही 777 सीढियां चढ़ कर ध्वजाधारी पहाड़ की चोटी में भगवान शिव व मां पार्वती के दर्शन के साथ साथ बियावन जंगल का भी दर्शन किया जा सकता है.
तिलैया डैम : प्रकृति की सुंदरता का अजब नजारा
तिलैया डैम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. प्रकृति ने यदि अपनी सुंदरता लुटायी है, तो वह है तिलैया डैम. जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर व कोडरमा रेलवे स्टेशन से 13 किलोमीटर दूर दामोदर नदी के उत्तरी छोर पर स्थित है यह डैम. पिकनिक प्रेमी यहां पिकनिक के साथ-साथ बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा यहां विशाल जलकुंड के बीचों बीच बेहतरीन पिकनिक स्पॉट चेचरो पार्क, जवाहर घाट, नेहरू पार्क आदि दर्शनीय है. यहां आने पर राज्य का एकमात्र सैनिक स्कूल को भी देखा जा सकता है.
कैसे पहुंचे यहां
रेलवे स्टेशन से ऑटो समेत कोई सवारी गाड़ी से पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा चंदवारा के उरवां मोड़ से भी यहां पहुंचा जा सकता है.
क्या न करें
बिना सेफ्टी जैकेट के बोटिंग नहीं करें, गहरे पानी में स्नान का आनंद न लें.
कैसे पहुंचे यहां
ध्वजाधारी धाम पहुंचने के लिए कोडरमा रेलवे स्टेशन से ऑटो लेकर जाया जा सकता है. इसके अलावा सड़क मार्ग से आने पर जिला मुख्यालय में उतरना पड़ेगा. रेलवे स्टेशन से धाम की दूरी आठ किलोमीटर है, जबकि जिला मुख्यालय से मात्र डेढ़ किलोमीटर.
क्या न करें पिकनिक के दौरान मांसाहारी भोजन यहां पर वर्जित है. यहां के बंदरों को न छेड़ें.
वृंदाहा जलप्रपात : आकर्षित करता है कश्मीर सा नजारा
जी हां यदि कश्मीर की खूबसूरत वादियों का आनंद लेना हो, तो वृंदाहा जलप्रपात सबसे बेहतर है. प्रकृति ने इसे बड़े मनोयोग से सजाया है. जंगल के बीचों-बीच में वृंदाहा फॉल है. यदि आप एडवेंचर के साथ पिकनिक मनाना चाहते हैं, तो वृंदाहा सर्वथा उचित है. यहां पर पहुंचने के लिए कच्ची सड़क से होकर गुजरना पड़ता है, जो फॉल स्थल से करीब एक किलोमीटर पहले ही समाप्त हो जाती है. यहां का सफर थोड़ी कठिनाइयों वाला है, पर जलप्रपात का आनंद थकावट को दूर कर देता है
मां चंचला धाम : शक्ति पीठ के रूप में पहचान
विस्मित और आश्चर्यचकित कर देनेवाली शक्तिपीठ मां चंचला धाम जिले के पिकनिक स्पाटों में एक है. घने जंगलों में पहाड़ पर स्थित यह घाम अपने अंदर कई अलौकिक शक्तियों को समेटे हुए है. कोडरमा-गिरिडीह मार्ग के कानी केंद्र मोड़ से सात किलोमीटर दूर पर है यह धाम. पिकनिक प्रेमी पिकनिक मनाने के साथ-साथ देवी का आशीर्वाद यहां ले सकते हैं.
पेट्रो जलप्रपात : सतगावां मुख्यालय
जिले के सतगावां प्रखंड मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर घनघोर जंगल में पेट्रो जलप्रपात है. जिले के सासे उंची महावत पहाड़ से अनोखी शैल श्रृंखलाओं के बीच से करीब 500 फीट से गिरते हुए जल को देखा जा सकता है. यहां कई स्व निर्मित जलकुंड हैं. इसके अलावा भालू, हाथी, मोर, नील गाय समेत कई जंगली जानवरों को भी यहां देखा जा सकता है.