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नपं कोडरमा व नप झुमरीतिलैया में बने आवास योजनाओं की होगी जांच
प्रधानमंत्री आवास योजना की विस्तृत जांच के लिए बनी कमेटी गठित जांच कमेटी को बिंदुवार जांच कर एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन देने का निर्देश कोडरमा : सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में कई स्तर पर बरती गयी अनियमितता की विस्तृत जांच होगी. जिले के नगर पर्षद क्षेत्र झुमरीतिलैया के साथ नगर पंचायत क्षेत्र […]
प्रधानमंत्री आवास योजना की विस्तृत जांच के लिए बनी कमेटी
गठित जांच कमेटी को बिंदुवार जांच कर एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन देने का निर्देश
कोडरमा : सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में कई स्तर पर बरती गयी अनियमितता की विस्तृत जांच होगी. जिले के नगर पर्षद क्षेत्र झुमरीतिलैया के साथ नगर पंचायत क्षेत्र कोडरमा में पीएम आवास योजना की विस्तृत जांच को लेकर उपायुक्त संजीव कुमार बेसरा ने आदेश जारी किया है. योजना की विस्तृत जांच के लिए वार्डवार कमेटी बनायी गयी है. गठित जांच कमेटी को बिंदुवार जांच कर एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन देने को कहा गया है.
जानकारी के अनुसार गत माह के दौरान प्रभात खबर ने प्रधानमंत्री आवास योजना में बरती गयी गड़बड़ी व कमीशन खोरी के खेल को उजागर किया था. कई लोगों ने आवास योजना के नाम पर स्थानीय पार्षदों से लेकर पदाधिकारियों पर 20 हजार से लेकर 40 हजार रुपये बतौर कमीशन लेने की शिकायत की थी. कई लोगों का यह भी कहना था कि जिसने आवास योजना के लिए कमीशन की राशि देने की हामी भरी, उसे योजना का लाभ दे दिया गया, जबकि वास्तविक व जरूरतमंद लोगों को पैसा नहीं देने पर योजना का लाभ नहीं दिया गया.
यहीं नहीं योजना का लाभ जैसे-तैसे मनमरजी करते हुए दिया गया. इस तरह की बात सामने आने के बाद यह मुद्दा जिलास्तरीय अनुश्रवण समिति व बीस सूत्री की बैठक में उठाया गया. जिले के प्रभारी मंत्री रंधीर सिंह ने आवास योजना में गड़बड़ी बरते जाने की बात को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिये थे. इसके आलोक में डीसी ने डीडीसी आदित्य कुमार आनंद को जांच का निर्देश दिया था. गत दिन डीडीसी की ओर से जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपी गयी थी. इसमें आवास योजना में लाभुकों के चयन से लेकर अन्य प्रक्रिया में मापदंडों का पालन नहीं करने, कई स्तर पर गड़बड़ी बरते जाने की बात सामने आयी थी.
यहीं नहीं नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार झा व नगर प्रबंधक पर मनमाने तरीके से लाभुकों का चयन करने, कार्यालय में आवेदन लेने से लेकर स्वीकृत करने संबंधी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं होने, कई अभिलेख कार्यालय में मौजूद नहीं रहने व पूरे कार्य में बिचौलिये की भूमिका होने से इंकार नहीं किया गया था. यहीं नहीं कुछ योजनाओं को पूर्व के मकान का विस्तारीकरण प्रतीत होना बताया गया था. योजना के क्रियान्वयन में बरती गयी गड़बड़ी की प्रशासनिक पुष्टि होने के बाद प्रभात खबर ने इसे एक बार फिर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. डीडीसी की जांच रिपोर्ट आने के बाद डीसी ने वार्ड वार जांच के लिए कमेटी बनाने की बात कही थी. इसके आलोक में अब जांच कमेटी बनायी गयी है.
पांच टीमों को शहर के 28 व नगर पंचायत के 15 वार्डों की जांच का जिम्मा
डीसी ने वार्डवार विस्तृत जांच के लिए जो कमेटी बनायी है. इसमें पांच अलग-अलग टीमें हैं. इन पांच टीमों पर झुमरीतिलैया नगर पर्षद शहरी क्षेत्र के 28 वार्ड व नगर पंचायत कोडरमा के 15 वार्ड में आवास योजना की गड़बड़ी से संबंधित जांच का जिम्मा दिया गया है.
नगर पर्षद क्षेत्र के वार्ड नंबर एक से छह व नगर पंचायत कोडरमा के वार्ड नंबर एक से तीन के लिए जिला योजना पदाधिकारी व मत्स्य प्रसार पदाधिकारी उमेश चंद्र प्रसाद, शहर के वार्ड नंबर सात से 12 व नगर पंचायत के वार्ड नंबर चार से छह के लिए अवर योजना पदाधिकारी व सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी सुनील कुमार झा, शहर के वार्ड नंबर 13 से 18 व नगर पंचायत के वार्ड नंबर सात से नौ के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी कमलेंद्र कुमार सिन्हा व सहायक निदेशक अनुमंडल कार्यालय विपिन कुमार सिंह, शहर के वार्ड नंबर 19 से 24 व नगर पंचायत के वार्ड नंबर 10 से 12 के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी रेणु बाला, प्रभारी अंकेक्षण पदाधिकारी, सहायक सहयोग समितियां शंभु नाथ केसरी, शहर के वार्ड नंबर 25 से 28 व नगर पंचायत के वार्ड नंबर 13 से 15 के लिए अंचल अधिकारी कोडरमा व सांख्यिकी सहायक सूर्य कुमार सिन्हा को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गयी हैं.
सही से जांच की गयी, तो पार्षद भी आयेंगे लपेटे में
जानकार बताते हैं कि आवास योजना को लेकर लाभुकों के चयन से अन्य प्रक्रिया अपनाने में सबसे अधिक भूमिका पार्षदों ने निभायी है. शहर के साथ ही कोडरमा नगर पंचायत के कई लोगों ने कुछ पार्षदों पर हजारों रुपये कमीशन मांगने के आरोप लगाये थे, पर इसकी पूरी पुष्टि नहीं हो सकी.
अब जब इस योजना में गड़बड़ी की बात को लेकर विस्तृत जांच होगी और टीम योजना से संबंधित वार्ड में जाकर जानकारी हासिल करेगी, तो कई बातें सामने आ सकती है. इसमें कुछ पार्षद भी लपेटे में आ सकते हैं. इससे पहले कार्यपालक पदाधिकारी व नगर प्रबंधक पर सवाल उठ चुके हैं.
मार्केट कांप्लेक्सों की स्थिति को लेकर नहीं दी पूरी रिपोर्ट
इधर, नगर पर्षद झुमरीतिलैया में कामकाज को लेकर स्थिति ठीक नहीं है. कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार झा शहर में बने मार्केट कांप्लेक्सों के संबंध में पूरी व सही जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. गत माह डीसी संजीव कुमार बेसरा ने एक आदेश जारी कर शहर में बने मार्केट कांप्लेक्सों व इसमें किये बेसमेट पार्किंग की व्यवस्था को लेकर स्पष्ट प्रतिवेदन कार्यपालक पदाधिकारी से मांगा था.
इसके आलोक में कार्यपालक ने खानापूर्ति करते हुए कुछ मार्केट कांप्लेक्सों की सूची दी और पूरे शहर में बने बड़े-बड़े मार्केट कांप्लेक्सों व इसमें नक्शा का अनुपालन नहीं होने संबंधी बातों को दरकिनार कर दिया. इस बात के संज्ञान में आने पर डीसी ने दोबारा कार्यपालक पदाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहे थे. बावजूद इसके कार्यपालक ने पूरी जांच रिपोर्ट समर्पित नहीं की.
इस पर डीसी ने कार्यपालक पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा. बताया जाता है कि कार्यपालक पदाधिकारी ने डीसी को स्पष्टीकरण का जवाब भी दे दिया है, पर यह संतोषजनक नहीं है. ऐसे में उनके विरुद्ध राज्य सरकार को लिखित रिपोर्ट किये जाने की प्रशासनिक तैयारी चल रही है.
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