जेल अदालत में एक बंदी को कारा मुक्त किया
जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा मंडल कारा कोडरमा में गणतंत्र दिवस के अवसर पर जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया.
कोडरमा. जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा मंडल कारा कोडरमा में गणतंत्र दिवस के अवसर पर जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमित कुमार वैश ने कहा कि बंदी अपने बीच से नकारात्मक सोच को हटाकर सकारात्मक सोच पैदा करें. अपराध की दुनिया से निकल कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो, ताकि स्वस्थ समाज के निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके. उन्होंने बंदियों को प्ली-बार्गेनिंग की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत बंदी अपना दोष स्वीकार कर अपनी सजा कम करा सकते हैं. प्राधिकार के सचिव गौतम कुमार ने कहा कि किसी भी मामले में आधे से अधिक सजा काट चुके बंदी अपना दोष स्वीकार कर कारा मुक्त हो सकते है, यदि वह अपराध बच्चों व महिलाओं के विरुद्ध नहीं हो. वहीं एसीजेएम मनोरंजन कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा बंदियों के लिए कई कानूनी प्रावधान के तहत सुविधा देने की दिशा में कार्य किया है. उन्होंने भारतीय संविधान में बंदियों के लिए प्रदत मौलिक अधिकारों को विस्तार से बताया. एलएडीसीएस के अधिवक्ता नवल किशोर, राजेंद्र मंडल, अरुण ओझा, अश्विनी शरण व ललन चौधरी ने सभी बंदियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामना दी. इस अवसर पर आयोजित जेल अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में लंबित वाद कोडरमा थाना कांड संख्या 151/ 2021 के अभियुक्त कुंदन चौधरी को कारा में बिताये समय को पर्याप्त सजा मानते हुए 1,000 रुपये जुर्माना करते हुए कारा मुक्त किया गया. संचालन न्यायालयकर्मी रणजीत कुमार सिंह ने किया. इस अवसर पर सदर अस्पताल कोडरमा के चिकित्सा कर्मियों के द्वारा मंडल कारा कोडरमा में मेडिकल हेल्थ चेकअप कैंप का भी आयोजन किया गया, जिसमे दर्जनों बंदियों का स्वास्थ्य जांच किया गया. मौके पर मुंसिफ मिथिलेश कुमार, जेल अधीक्षक राम मोहन राजन, प्रोबेशन पदाधिकारी राहुल कुमार, सहायक जेलर अभिषेक कुमार सिंह, न्यायलयकर्मी, राजीव कुमार, महेश्वर कुमार, संतोष कुमार सिंह, जेल कर्मी मोहम्मद मोईनुद्दीन, राजीव कुमार आदि मौजूद थे.
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