55 लाख रुपये ठगने वाला शातिर बलिया से गिरफ्तार, पुलिस ने 10 दिन में सुलझाया मामला
Jharkhand news, Koderma news : कोडरमा जिला अंतर्गत परियोजना बालिका उच्च विद्यालय, जयनगर के प्रधानाध्यापक से शातिर तरीके से 55 लाख रुपये की ठगी करने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है. 10 दिनों के अंदर पुलिस ने इस मामले को सुलझाते हुए ठग गिरोह के 2 लोगों को उत्तरप्रदेश के बलिया से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नितेश कुमार सिंह पिता वशिष्ठ सिंह निवासी झरकटहा, रेवती और मुकेश मिश्रा पिता विनोद मिश्रा निवासी महादनपुर थाना सतावर जिला बलिया यूपी के रूप में हुई है. इनके पास से एक एटीएम पीओएस मशीन, एसबीआई का एक बैंक खाता, चेकबुक, दो मोबाइल, हिसाब-किताब का रजिस्टर आदि बरामद किया गया है. उक्त जानकारी डीएसपी मुख्यालय संजीव कुमार सिंह ने शुक्रवार को पत्रकारों को दी.
Jharkhand news, Koderma news : जयनगर (कोडरमा) : कोडरमा जिला अंतर्गत परियोजना बालिका उच्च विद्यालय, जयनगर के प्रधानाध्यापक से शातिर तरीके से 55 लाख रुपये की ठगी करने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है. 10 दिनों के अंदर पुलिस ने इस मामले को सुलझाते हुए ठग गिरोह के 2 लोगों को उत्तरप्रदेश के बलिया से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नितेश कुमार सिंह पिता वशिष्ठ सिंह निवासी झरकटहा, रेवती और मुकेश मिश्रा पिता विनोद मिश्रा निवासी महादनपुर थाना सतावर जिला बलिया यूपी के रूप में हुई है. इनके पास से एक एटीएम पीओएस मशीन, एसबीआई का एक बैंक खाता, चेकबुक, दो मोबाइल, हिसाब-किताब का रजिस्टर आदि बरामद किया गया है. उक्त जानकारी डीएसपी मुख्यालय संजीव कुमार सिंह ने शुक्रवार को पत्रकारों को दी.
थाना परिसर में डीएसपी ने बताया कि गत 15 जुलाई को भुक्तभोगी प्रधानाध्यापक रामकृष्ण गोप पिता स्वर्गीय अकलु गोप निवासी सतडीहा जयनगर ने थाना में आवेदन देकर खुद के साथ हुए ठगी की जानकारी दी थी. इस शिकायत के बाद थाना में केस दर्ज किया गया. एसपी के निर्देश पर मामले का उद्भेदन करने के लिए एसआईटी (SIT) का गठन किया गया.
एसआईटी ने तकनीकी सेल की मदद से मिले सुराग के आधार पर जिन बैंक खातों में भुक्तभोगी से रुपये मंगाये गये थे, पहले उन्हें फ्रिज कराया गया. इसके बाद 2 आरोपियों को बलिया से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार यह गिरोह ऐसे लोगों को टारगेट बनाता है जिनका हाल में कोई बैंक या अन्य पॉलिसी की मैच्यूरिटी पूरा हुआ हो.
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इस मामले में भुक्तभोगी ने एचडीएफसी लाइफ का प्रति वर्ष 50 हजार के हिसाब से 3 साल तक डेढ़ लाख रुपये जमा किये. मैच्यूरिटी पूरा होने पर वे स्थानीय शाखा गये. वहां उन्हें पैसा निकासी की पूरी प्रक्रिया बतायी गयी. ठीक इसके 2 दिन बाद उन्हें आईजीएमएस का हवाला देकर फोन करने वाले ने कहा कि आपकी पॉलिसी की मैच्यूरिटी राशि जारी करने में कुछ तकनीकी समस्या है. आप इस नंबर पर फोन कर कंप्लेन करिये एक करोड़ रुपये मिलेंगे.
इन्होंने दिये गये नंबर पर शिकायत की, तो अलग-अलग समय में विभिन्न तर्क देते हुए लाखों रुपये विभिन्न बैंक खातों में अपराधियों ने मंगा लिए. कुल 55 लाख रुपये की ठगी की गयी. डीएसपी ने बताया कि एसआईटी में अवर निरीक्षक सतीश कुमार, विशाल पांडेय, सहायक अवर निरीक्षक निसाद अहमद, तकनीकी शाखा के कुणाल कुमार सिंह, तेजस्वी ओझा शामिल थे. टीम ने जांच के बाद पूरे गिरोह का पता लगाया और सफलता मिली. मौके पर थाना प्रभारी श्यामलाल यादव अन्य मौजूद थे.
कमीश्न लेकर प्रयोग के लिए देता था स्वैब मशीन
डीएसपी ने बताया कि पकड़े गये आरोपियों में मुकेश इंजीनियर है, जबकि नीतीश दुकान चलाता है. नीतीश की दुकान में लगे एटीएम स्वैब मशीन को ये गिरोह कमीशन बेसिस के आधार पर प्रयोग में लाता था. जांच के क्रम में नीतीश के एक बैंक खाते में 6.50 लाख और उसकी पत्नी के खाते में 1.50 लाख रुपये मिले. नीतीश के बैंक खाते का पैसा कैश कराकर भुक्तभोगी को वापस कर दिया गया है. कुल 10 लाख रुपये जमा राशि का बैंक खाता फ्रीज किया गया है. अन्य पैसे का उपयोग गिरोह के अन्य सदस्यों ने किया होगा. इसकी जांच की जा रही है.
नोएडा का रहने वाला सरगना पकड़ से बाहर
डीएसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य पूरी तरह पढ़े- लिखे हैं और शातिर तरीके से लोगों को जाल में फांसते हैं. यह सीधे तौर पर साइबर फ्राड तो नहीं है, पर झांसे में लेकर लोगों से पैसे अलग-अलग बैंक खातों में मंगाये जाते हैं. अब तक की पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह का मुख्य सरगना नोएडा का रहने वाला है. सरगना सहित एक अन्य आरोपी फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किया जा रहा है.
Posted By : Samir ranjan.