कोडरमा में बाल विवाह के खिलाफ संगीत बनेगा हथियार
झारखंड सहित देश के 17 राज्यों के लोक कलाकारों व लोकगायकों ने बाल विवाह के खिलाफ विभिन्न भाषाओं और बोलियों में अब तक 331 से ज्यादा गाने गाये हैं.
प्रतिनिधि, कोडरमा
लंबे समय से चिंता का विषय रहे सामाजिक कुरीतियों में से एक बाल विवाह के विरुद्ध अब संगीत को हथियार बनाने की तैयारी है़ ग्रामीण परिवेश व अलग रंग रूप में रहने वाले लोगों को उनकी भाषा व संस्कृति के अनुसार सामाजिक कुरीति बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करने के लिए गैर सरकारी संगठनों की पहल पर अब संगीत को बड़ा सहारा बनाया जा रहा है, ताकि लोगों तक आसानी से पहुंच बने और लोग समय रहते जागरूक हो सकें जानकारी के अनुसार, सबसे पहले झारखंड के गैर सरकारी संगठनों और लोक कलाकारों ने सुरीले गीतों के जरिये देश से बाल विवाह के खात्मे का आह्वान किया़ बदलाव के लिए संगीत अभियान के तहत झारखंड के गैर सरकारी संगठनों ने हाथ मिलाया, तो अब यह कारवां बढ़ गया है.
झारखंड सहित देश के 17 राज्यों के लोक कलाकारों व लोकगायकों ने बाल विवाह के खिलाफ विभिन्न भाषाओं और बोलियों में अब तक 331 से ज्यादा गाने गाये हैं. सामाजिक बदलाव में लोकगीतों और लोक कलाकारों की अद्वितीय भूमिका को देखते हुए इन्हें व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिये फैलाया जायेगा और सामाजिक अभियानों से जुड़े कार्यक्रमों में इनका इस्तेमाल किया जायेगा़ यह अभिनव पहल देशव्यापी बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का हिस्सा है़ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन के इंडिया हेड रविकांत ने बताया कि बदलाव के लिए संगीत पहल में शामिल 17 राज्यों के गैर सरकारी संगठनों को नमूने के तौर पर एक खाका बना कर दिया गया था और उन्हें तीन अक्तूबर तक अपनी भाषा या बोली में गाना रिकार्ड कर साझा करने को कहा गया था.
इन संगठनों से कहा गया था कि वे स्थानीय परिवेश के हिसाब से गाने के बोल में बदलाव कर सकते हैं. रवि की मानें, तो संगीत आत्मा की भाषा है और दुर्गम से दुर्गम या सुदूरतम कोनों में पहुंचने की इसकी क्षमता जगजाहिर है़ एक सुरीले और प्रभावी संगीत में आत्मा को झकझोरने और बेड़ियों को तोड़ने की ताकत होती है़ बदलाव के लिए संगीत अभियान में देश के कोने-कोने से बड़े पैमाने पर महिलाओं के जुड़ाव और देश से बाल विवाह को खत्म करने के दृढ़ निश्चय की अभिव्यक्ति वाले उनके गानों से विवाह मुक्त भारत अभियान को नयी उर्जा और बल मिला है़ इस अभियान में अंडमान, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, झारखंड, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओड़िशा, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे 17 राज्यों के गैर सरकारी संगठनों ने हिस्सा लिया है़ अब संगीत के जरिये गांव-गलियों में जागरूकता को लेकर पहल होगी़ ज्ञात हो कि बाल विवाह के एक केंद्र के रूप में कोडरमा व इसके आसपास का इलाका भी जाना जाता है़ यहां बाल विवाह के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं