सीटू और एआइकेएस ने निकाला संयुक्त मार्च

आजादी के बाद मजदूरों और किसानों की पहली हड़ताल की 43वीं वर्षगांठ पर सीटू और एआइकेएस के आह्वान पर पूर्णिमा टॉकीज परिसर से झंडा चौक तक मोदी सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त मार्च निकाला.

By Prabhat Khabar News Desk | January 19, 2025 9:11 PM

⁠कोडरमा़ आजादी के बाद मजदूरों और किसानों की पहली हड़ताल की 43वीं वर्षगांठ पर सीटू और एआइकेएस के आह्वान पर पूर्णिमा टॉकीज परिसर से झंडा चौक तक मोदी सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त मार्च निकाला. जहां 90 और 70 घंटे काम की वकालत करने वाले एलएंडटी व इंफोसिस के चेयरमैन एसएन सुब्रह्माण्यम और एनआर नारायण मूर्ति का पोस्टर जलाकर मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौके पर आयोजित नुक्कड़ सभा में सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि 43 साल पहले 19 जनवरी 1982 को मजदूरों और किसानों की मांगों को लेकर स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार देशव्यापी सफल आम हड़ताल हुई थी. इस दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर क्रूर पुलिस दमन और गोलीबारी में 10 लोग शहीद हो गये थे. केंद्र सरकार मजदूरों को गुलाम बनाने वाली लेबर कोड को लागू करने पर आमादा है. जो पिछले चार वर्ष से ट्रेड यूनियनों के प्रतिरोध के कारण रुका हुआ है. मोदी सरकार के सह पर ही कानून की अवहेलना करते हुए श्रमिकों से 70 घंटे से 90 घंटे काम मांगने का दुस्साहस कार्पोरेट्स कर रहे है. इन्हें इतिहास मालूम होना चाहिए कि मजदूरों के लंबे संघर्षों और कुर्बानियों के बदौलत आठ घंटे का काम तय हुआ है. ट्रेड यूनियनों की मांग है कि सप्ताह में 5 दिन और 35 घंटे का काम श्रमिकों से लिया जाये. सीटू राज्य कमेटी सदस्य और आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि कार्यावधि बढ़ाने के लिए चर्चा तो कर रहे हैं, लेकिन मजदूरों को न्यूनतम वेतन भुगतान के लिए कोई चर्चा नहीं है. सीटू के जिला सचिव रमेश प्रजापति ने कहा कि ने कहा कि किसानों ने तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ लाखों किसानों ने एक साल तक आंदोलन किया. कृषि क्षेत्र को पूरी तरह से अपने कारपोरेट मित्रों के हवाले करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नयी राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति लायी जा रही है, जिसका हर स्तर पर विरोध जारी है. इस अवसर पर सीटू के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश, महेंद्र तुरी, ग्यासुद्दीन अंसारी, भिखारी तुरी, शंभू पासवान, मो रफीक, मुश्ताक खान, अजय कुमार, सोनू रजक, रेखा रजक, बबीता देवी, रीना देवी, पूनम देवी सहित कई लोग मौजूद थे.

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