झुमरीतिलैया : शहर में लगातार चोरी छिपे कोचिंग संचालित होने की मिल रही शिकायत पर मंगलवार को नगर प्रशासक कौशलेश कुमार ने कई कोचिंग संस्थानों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान ओवरब्रिज के नीचे संचालित एपेक्स एकेडमी में सेंटर संचालित पाया गया. ऐसे में नगर प्रशासक द्वारा कोचिंग संचालक मो इरफान अंसारी पर लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
नगर प्रशासक ने बताया कि लगातार सूचना मिल रही थी कि लॉकडाउन का उल्लंघन कर कई कोचिंग संचालित हो रहे हैं. ऐसे में इस प्रकार की कार्रवाई की गयी है. उन्होंने बताया कि देश में लॉकडाउन अभी भी प्रभावी है. लॉकडाउन में शैक्षणिक संस्थानों को खोलने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. जिले में धारा 144 भी लागू है.
ऐसे में पांच या इससे अधिक लोगों के एक जगह पर जमा होना दंडनीय अपराध है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा लॉकडाउन व धारा 144 के नियमों की अवहेलना करते हुए कोचिंग संचालित किये जाने की बात सामने आ रही थी.
उन्होंने बताया कि कोचिंग संचालक पर प्राथमिकी दर्ज करने का यह पहला मामला है. इस प्रकार का अभियान अभी लगातार जारी रहेगा. उन्होंने लोगों से सरकार के निर्देशों का पालन करने की अपील की.
एसडीओ के आदेश का एसोसिएशन ने किया विरोध : कोडरमा. झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन कोडरमा जिला इकाई के पदधारियों ने गत दिन एसडीओ मनीष कुमार द्वारा दिये गये आदेश का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि कोई शिक्षक होम ट्यूशन या कोचिंग का संचालन करते पकड़े गये, तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार, सचिव संजीव कुमार व प्रखंडों के अध्यक्ष, सचिव ने संयुक्त रूप से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि विगत छह माह से विद्यालय पूरी तरह बंद हैं. जिले के गिने-चुने एफिलिएटेड स्कूलों को छोड़ कर वैसे 500 स्कूलों को एक रुपये फीस नहीं मिल रही है, जो कम फी में बच्चों को सुदूरवर्ती व ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा मुहैया करते आ रहे हैं.
ऐसे में यहां कार्यरत करीब 5000 शिक्षकों व 1500 से 2000 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. परिणामस्वरूप परिवारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है. खराब स्थिति के बावजूद सरकार और प्रशासन द्वारा कोई सुध नहीं ली गयी है.
अनलॉक चार में लगभग सभी गतिविधियों को सामान्य कर दिया गया, तो शिक्षक पूरी सावधानी व सतर्कता का पालन करते होम ट्यूशन दे रहे है, तो सरकार उसे अपराध की श्रेणी में लाते हुए कानूनी प्रक्रिया से डरा रही है. सरकार व प्रशासन ऐसे शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को रोजगार की गारंटी दें, जिनसे वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें. सरकार को जल्द नियामवली बना कर विद्यालय को खोलने की अनुमति देनी चाहिए.
posted by : sameer oraon