सेहत के लिए फायदेमंद है मूली का सेवन

मूली का उपयोग लोग कई तरह से करते हैं. कुछ लोग इसका सलाद खाते हैं, तो कुछ लोग इसे सब्जी के साथ पका कर खाना पसंद होता है. वहीं कई लोग मूली के पराठे को दही के साथ खना पसंद करते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 9, 2024 8:28 PM

जयनगर. मूली का उपयोग लोग कई तरह से करते हैं. कुछ लोग इसका सलाद खाते हैं, तो कुछ लोग इसे सब्जी के साथ पका कर खाना पसंद होता है. वहीं कई लोग मूली के पराठे को दही के साथ खना पसंद करते हैं. इसकी पत्तियों से साग बनायी जाती है़ फिलहाल यह बाजार में मूली 20 रुपये किलो बिक रहा है. जानकार बताते हैं कि मूली विटामिन सी व खनिज तत्वों का स्रोत है़ यह लीवर व पीलिया मरीजों के लिए भी कारगर है़ मूली के लिए ठंडी जलवायु उपयुक्त है़ मगर यह अधिक तापमान भी सह सकती है़ सफल खेती के लिए 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तापमान जरूरी है़ यह रेतीली दोमट मिट्टी में अधिक उपज देती है. कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर कोडरमा के एग्रोफोरेस्टी ऑफिसर रूपेश रंजन ने बताया कि मूली कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद है़ इसमें विटामिन सी, फाइबर, फोलेट, पोटेशियम, मैगनिश्यम, और कैल्सियम जैसे खनिज तत्व पाये पाये जाते है़ इसमें एंटी ऑक्सिटेंड शरीर को बीमारियों से बचाता है़ फाइबर पाचन को ठीक करता है, यह कब्ज व गैस की समस्या से बचाता है़ लौह तत्व रक्त को साफ करता है़ उन्होंने बताया कि कैल्सियम हड्डी व दांतों को मजबूत बनाता है़ विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाता है. इससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है. दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है़ गुर्दे की बीमारी में भी मूली फायदेमंद है़ मूली खाने से चेहरे पर दाग-धब्बे कम होते है़ं

कैसे करें मूली की खेती

बुआई के समय जमीन की नमी कम हो तो बुआई के तुरंत बाद एक हल्की सिंचाई करें. गर्मी की फसल में चार-पांच दिन के अंतराल में सिंचाई करें. वहीं जाड़े की फसल में 10-15 दिन के अंदर सिंचाई करें. कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक का प्रयोग करें क्यारियों में 30 सेंटीमीटर की दूरी पर 15-20 सेंटीमीटर ऊंची मेढ़ बनाये़ हर मेढ़ पर बीज को चार सेंटीमीटर की गहराई पर लगाये़ बीज उग आने पर पौधों में दो पत्तियां आ जाये, तब पौधों को 8-10 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाये़ उन्होंने बताया कि इसकी उन्नत किस्मों में जोन पुरी मूली, जापानी सफेद, कल्याणपुर, पंजाब अगेती, पंजाब सफेद, वाइट लॉग, हिसार मूली व शंकर की किस्में उन्नत है़

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