corona vaccine update in jharkhand कोडरमा : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दो वैक्सीन : कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इसी के साथ भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहा लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है. माना जाता है कि कोरोना के खिलाफ जारी इस बड़ी लड़ाई में इन दो वैक्सीन की मंजूरी एक हथियार का काम करेगी.
डीसीजीआइ की ओर से वैक्सीन को मंजूरी दिये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुश थे. उन्होंने देश भर को बधाई दी है. लेकिन, यह सब इतना आसान न था. वैक्सीन तो काफी पहले बन गयी थी, पर ट्रायल के लिए लोग नहीं मिल रहे थे. देश भर में लोगों के मन में एक भय था कि अगर वैक्सीन का उनके ऊपर इस्तेमाल हुआ, तो पता नहीं क्या होगा.
ऐसे में मूलत: झारखंड के कोडरमा के झुमरीतिलैया निवासी और वर्तमान में गोवा को अपना कर्मक्षेत्र बना चुके वरदा होटल्स के सह-संस्थापक अविनाश सिंह परमार ने खुद को ट्रायल के लिए प्रस्तुत कर दिया. अब, जबकि कोविशील्ड और कोवैक्सीन को डीसीजीआइ ने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है, तो हमने अविनाश सिंह परमार से संक्षिप्त बातचीत की…
परिचय
नाम-अविनाश सिंह परमार
पिता-प्रोफेसर देवेंद्र सिंह (विनोबा भावे विवि के अर्थशास्त्र विभाग के प्रथम अध्यक्ष, संप्रति सेवानिवृत्त)
कंपनी : वरदा ग्रुप आफ होटल्स के सह संस्थापक
कंपनी : आयुर ब्लेज (आयुर्वेदिक कंपनी) के सह-संस्थापक
सामाजिक योगदान : रोटरी इंटरनेशनल के 10 साल से सदस्य. 2018-19 में रोटरी क्लब ने इन्हें एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा. इसी साल इन्हें बेस्ट सर्विस अवार्ड भी मिला.
Qसरकार को-वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए वोलंटियर खोज रही है, यह जानकारी आपको कब और कैसे मिली? आपने क्या सोच कर खुद को इसके लिए प्रस्तुत किया?
कोरोना के बारे में हम लोग लगातार सुन ही रहे थे. बिजनेस पर भी असर पड़ा था. नवंबर के दूसरे हफ्ते में एक चिकित्सक मित्र ने मुझे इस बारे में बताया. मुझे लगा, इस काम को करना चाहिए. मैंने खुद को प्रस्तुत कर दिया. मेरे मन में यह भी था कि लोग शायद पूरे मेडिकल पैटर्न को समझ नहीं रहे थे और कहीं न कहीं उनके मन में डर भी था. मेरे मन में यह बात आयी कि देश के लिए कुछ करने का मौका मिला है, तो क्यों न इसे कर दिया जाये. यही सोच कर मैंने खुद को प्रस्तुत कर दिया.
Qआपको किस तारीख को वैक्सीन की पहली डोज दी गयी? क्या डोज लेने के बाद आपमें मानसिक-शारीरिक तौर पर कोई फर्क आया?
मुझे वैक्सीन की पहली डोज 22 नवंबर को दी गयी थी. डोज लेने के बाद मुझ में मानसिक और शारीरिक तौर पर लेशमात्र भी फर्क नहीं आया. कुछ भी गड़बड़ नहीं हुआ. पूरी तरह से फिट हूं. सौ फीसदी.
सवाल: अब जब कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गयी है, आप कैसा महसूस कर रहे हैं?
जवाब : ये बहुत ही खुशी की बात है कि जिस वैक्सीन के लिए आप सब्जेक्ट बनते हैं, वह पास हो जाता है. मैं इसका एक हिस्सा रहा हूं. जाहिर है, मुझे बेइंतहा खुशी है.
सवाल : क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आपके संपर्क में हैं?
जवाब : जी नहीं .
Posted By : Sameer Oraon