कोडरमा: 12 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना देंगे ढिबरा मजदूर
प्रशासन कोडरमा की पहचान मिटाने में जुटा है़ प्रशासन कार्रवाई के बहाने ढिबरा मजदूरों के साथ अपराधी की तरह पेश आ रहा है. ढिबरा और माइका को लेकर नीति निर्धारण करना सरकार की जिम्मेवारी है.
कोडरमा बाजार : ढिबरा चुनने से लेकर इसके कारोबार पर लगातार हो रही प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया है. आगामी 12 फरवरी से ढिबरा मजदूर प्रशासन के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना देंगे़ शुक्रवार को मोदी वर्णवाल धर्मशाला में ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया़ बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष कृष्णा सिंह घटवार ने की़ बैठक में ढिबरा को लेकर प्रशासन की कार्रवाई और ढिबरा व्यवसाय को बचाने को लेकर चर्चा की गयी. कृष्णा घटवार ने कहा कि ढिबरा मजदूरों के रोजगार पर प्रशासन लगातार प्रहार कर रहा है़ इस कारण ढिबरा मजदूरों के समक्ष भुखमरी और बेरोजगारी का संकट गहरा गया है.
उन्होंने कहा कि ढिबरा कोडरमा की पहचान है, लेकिन प्रशासन कोडरमा की पहचान मिटाने में जुटा है़ प्रशासन कार्रवाई के बहाने ढिबरा मजदूरों के साथ अपराधी की तरह पेश आ रहा है़ ढिबरा और माइका को लेकर नीति निर्धारण करना सरकार की जिम्मेवारी है़ सरकार ने ढिबरा को लेकर 2021 में नियमावली लायी थी, लेकिन प्रशासन अब तक इस नियमावली को धरातल पर नहीं उतार पाया है, जबकि ढिबरा व्यवसाय से लाखों गरीब जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्रवाई से ढिबरा व्यवसाय पूरी तरह से ठप है और प्रशासन ने नीति लागू करने के मामले में चुप्पी साध ली है.
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ऐसे में मजदूरों के समक्ष आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है़ बैठक में सर्वसम्मति से समाहरणालय के समक्ष 12 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना देने का निर्णय लिया गया़ मौके पर रीतलाल सिंह, मो़ इस्लाम, सूरज शर्मा,आशीष साव, छोटन यादव, दिनेश यादव, सिकंदर यादव, विजय गुप्ता, दिलीप राणा, संजय यादव, वीरेंद्र सिंह, जस्सू राणा, पंकज कुमार, गांगो शर्मा, कारू तुरिया, ईश्वरी भुईयां, गुलशन मुंडा, रवींद्र मुंडा समेत कई ढिबरा मजदूर मौजूद थे.