कोडरमा. आश्रम रोड में संचालित कौण्डिन्या पब्लिक स्कूल में रविवार को भारतीय न्याय संहिता के संदर्भ में महिला सशक्तिकरण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया़ मौके पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राजीव रंजन सिंह ने महिला सशक्तिकरण और भारतीय न्याय प्रणाली में उनके अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा की़ उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण का प्रथम केंद्र परिवार होता है. इसमें माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है़ माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बेटा और बेटी के बीच समानता का भाव रखें. दोनों को समान दृष्टि से देखें और उनकी परवरिश समान रूप से करें. साथ ही, यह भी आवश्यक है कि बच्चों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाया जाये, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि महिलाएं आर्थिक रूप से किसी पर निर्भर न रहें. उन्होंने पुरानी भारतीय दंड संहिता और नयी भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं के अधिकारों से संबंधित धाराओं पर चर्चा की. बताया कि धारा 354 जैसे प्रावधान महिलाओं को कार्यस्थल या घर पर किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक हैं. सेमिनार में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि माता-पिता बच्चों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करें. उन्हें सशक्त बनाने के लिए शिक्षा व आर्थिक स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त करें. महिला सुरक्षा केवल कानून तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. बल्कि समाज को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. सेमिनार को अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जगदीश सलूजा, सीडी गर्ल्स हाई स्कूल के प्राचार्य सुनील सिन्हा, झारखंड लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ विकास रॉय, झारखंड बीएड कॉलेज की प्रो सुशीला देवी, अधिवक्ता कृति कुमारी, समाजसेविका राखी भादानी ने भी अपने विचार रखे. इस अवसर पर स्कूल प्रशासक शिवानी मिश्रा, श्वेता प्रियम्वदा, विद्यालय के एकेडेमिक को-ऑर्डिनेटर विक्रांत सिंह, प्राचार्य संजय सिन्हा, उप प्राचार्या सुमन सिंह, कोडरमा थाना की सब इंस्पेक्टर मेनुका बेलूरी, एनसीसी बटालियन के सदस्य व अन्य मौजूद थे़
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