400 रुपये किलो पहुंचा लहसुन

सब्जियों की बढ़ रही कीमतों से स्वादिष्ट व लजीज व्यंजन खाना दूभर हो गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2024 8:20 PM

—————– 19कोडपी5 सब्जी बेचता दुकानदाऱ 19कोडपी6 प्रियंका कुमारी़ 19कोडपी7 नीलू भदानी़ 19कोडपी8 यशोदा देवी़ 19कोडपी9 अर्चना कुमारी़ 19कोडपी10 शबाना खातून ———————— राजेश सिंह जयनगर. सब्जियों की बढ़ रही कीमतों से स्वादिष्ट व लजीज व्यंजन खाना दूभर हो गया है. थाली से खुशबू व रंगत गायब हो जाने से कमाने वालों के साथ साथ गृहणियों को भी परेशानी हो रही है़ इस महंगाई से आम व खास दोनों वर्ग परेशान है़ फिलहाल बाजार में लहसुन 400 रुपये किलो बिक रहा है जबकि अदरक 120 रुपये, हरा धनिया 100 रुपये, हरी मिर्च 120 रुपये, शिमला मिर्च 120 रुपये की दर से बिक रहा है सब्जियों की बढ़ती बेतहाशा वृद्धि में सबको परेशान कर रखा है़ बाजार में फिलहाल 40 रुपये किलो की दर से कम में कुछ नहीं बिक रहा है़ नया आलू 50 रुपये किलो, पुराना 30-35, गोभी 50, बैंगन 50, सिम 60, बंदागोभी 50 रुपये, पटल 40 रुपये की दर से बिक रहा है़ रसोई की परेशानी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महिलाओं ने इसके लिए केंद्र सरकार व मुनाफा खोरों को जिम्मेवार ठहराया है़ क्या बताये रसोई में पहुंचते ही सोचना पड़ता है कि जायकेदार सब्जी कैसे बनाये, क्योंकि जायका के लिए प्याज, लहसुन, हरा मिर्च, अदरक आदि की जरूरत होती है़ जिसका मूल्य बाजार में आग उगल रहा है़ ना चाहते हुए भी जैसे तैसे बेस्वाद की सब्जी बनाना मजबूरी हो गयी है़ कीमतों में कमी आने के असार भी नहीं दिख रहे हैं ——–प्रियंका कुमारी, कंद्रपडीह——— ————————————————– जायकेदार सब्जियों के मूल्य में वृद्धि ने रसोई का जायका बिगाड़ कर रख दिया है़ हालत यह है कि कमाई अठन्नी और खर्चा रुपया़ ऐसे में बेहतर ढंग से कैसे चलाये रसोई यह अब सोचने का विषय बन गया है़ अब रसोई में बनने वाले खानों में प्याज लहसुन का प्रयोग कम कर दिया है़ सलाद खाना तो दूर की बात है़ ————नीलू भदानी, परसाबाद———— ——————————————————– कार्तिक का माह समाप्त हुआ़ इस माह के सप्ताह के उपरांत लगा था कि लहसुन, प्याज व अदरक की कीमतों में नियंत्रण होगा़ मगर हालात यह है कि पूरे कार्तिक में लहसुन प्याज बंद किया था़ वह आज भी बंद के बराबर है़ पहले लोग लहसुन किलो की दर से खरीददते थे और ग्राम की दर से खरीदकर काम चला रहे है़ ———यशोदा देवी, कंद्रपडीह————- ————————————————— लहसुन प्याज की कीमतों में मांसाहार तो दूर, शाकाहारी सब्जियों को भी लोगों की पहुंच से दूर कर दिया है़ पनीर भी बनायें, तो लहसून, प्याज, अदरक व शिमला मिर्च की जरूरत होती है़ मगर बढ़ी हुई कीमत में इन चीजों को खरीद पाना हर आदमी के बस की बात नहीं है़ इनकी कीमतों ने रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है़ —————–अर्चना कुमारी, गम्हरबाद———– ———————————————————————- जायकेदार भोजन मुश्किल हो गया है. लजीज पकवान हुए लोगों की पहुंच से दूऱ और तो और सहेत को तंदुरुस्त रखने के लिए खाये जाने वाले सलाद भी लोगों की पहुंच से दूर हो गया है़ यही हाल रहा था लहसुन प्याज पूरी तरह से थाली से गायब हो जायेगा, अभी तो लोग किलो के बदले ग्राम के हिसाब से खरीददारी कर काम चला रहे है़ ————-शबाना खातून, कटहाडीह खेशकरी———- —————————————————————–

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