कोडरमा : कोल ब्लॉक नीलामी मामले में राज्य की हेमंत सरकार जनता को गुमराह कर रही है. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कोल ब्लॉक नीलामी के निर्णय का राज्य सरकार के आला अधिकारियों ने स्वागत किया है, जबकि मुख्यमंत्री इसका विरोध कर रहे हैं. न्यायालय में भी राज्य सरकार ने नीलामी के समय पर प्रश्न खड़े किये हैं. हेमंत का इस मुद्दे पर अलग बयान देकर जनता को दिग्भ्रमित करना घोर आपत्तिजनक है, जिसकी भाजपा निंदा करती है. उक्त बातें कोडरमा की भाजपा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने रविवार को कही.
अन्नपूर्णा चाराडीह स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहीं थीं. अन्नपूर्णा ने कोल ब्लॉक नीलामी के निर्णय को राष्ट्रहित और राज्य हित में उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि इससे न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा, बल्कि झारखंड राज्य भी तेजी से आत्मनिर्भर और विकसित बनेगा. उन्होंने कहा कि देश के पांच राज्यों के 41 खदानों को निजी क्षेत्र के लिए नीलम किया जायेगा.
यह नीलामी देश में कोल आयात को कम करेगा, रोजगार बढ़ेंगे, बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा, विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी. झारखंड राज्य को नौ खदानों की नीलामी से बड़ा लाभ होगा. राज्य सरकार इस आय का सदुपयोग कर राज्य को तेजी से प्रगति के रास्ते पर ले जा सकती है. डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड मोदी सरकार की बड़ी देन है. उन्होंने कहा कि भारत एक ओर कोयला भंडार के क्षेत्र में विश्व में चौथा स्थान रखता है, परंतु दूसरी ओर हमारा देश विश्व का दूसरा कोयला आयातक देश है. देश में कोयला खपत 958 मिलियन टन है, जिसमें 251 मिलियन टन भारत आयात करता है.
इस कार्य में एक लाख 50 हजार करोड़ विदेशी मुद्रा खर्च होती है. मोदी सरकार उत्पादन बढ़ाकर विदेशी मुद्रा की बचत करते हुए आयात की निर्भरता खत्म करना चाहती है. इससे कोयले की चोरी पर रोक लगेगी. साथ ही नीलामी प्रक्रिया से आनेवाला सारा राजस्व सिर्फ और सिर्फ राज्य के हिस्से में आएगा. मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, महामंत्री शिवेंद्र नारायण सिन्हा, मीडिया प्रभारी चंद्र शेखर जोशी, नगर अध्यक्ष देवनारायन मोदी, सांसद प्रतिनिधि संजय शर्मा, उदय सिंह, कृष्णा बरहपुरिया आदि मौजूद थे.
Post by : Pritish Sahay