सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त
शहरी क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री में बरती जा रही गड़बड़ी व लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए बुधवार को डीसी रमेश घोलप गंभीर दिखे.
झुमरीतिलैया : शहरी क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री में बरती जा रही गड़बड़ी व लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए बुधवार को डीसी रमेश घोलप गंभीर दिखे. डीसी जमीन से संबंधित मामलों की वास्तविक स्थिति जानने शहर आ पहुंचे.
यहां उन्होंने बजरंग नगर व यदुटांड़ में जमीन का जायजा लिया. डीसी ने पहले बजरंग नगर स्थित बसंत गायकवाड़ के घर का निरीक्षण किया. बताया जाता है कि बसंत गायकवाड़ द्वारा पप्पू खटीक पर अवैध रूप से उनके दो रूम को तोड़ कर जमीन कब्जा कर निर्माण कर बकरी पालन की शिकायत डीसी से की गयी थी. स्थानीय पार्षद द्वारा दोनों के बीच सुलह भी कराया गया था.
बावजूद पप्पू खटीक बसंत को रूम और रास्ता देने से इन्कार कर रहा था. जनता दरबार में मामला आने के बाद डीसी ने स्थल निरीक्षण कर अवैध निर्माण पर अविलंब रोक लगाते हुए सीओ अशोक राम, नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश कुमार, नप उपाध्यक्ष संतोष यादव व स्थानीय पार्षद को तत्काल विवाद निबटारा करने का निर्देश दिया. इस दौरान उन्होंने लोगों से आपसी सामंजस्य स्थापित कर रहने की बात कही. डीसी ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इस इलाके के सरकारी जमीन पर बने सभी घरों की जांच कर इसे ध्वस्त कर दिया जायेगा. उन्होंने इसको लेकर सीओ को जांच का निर्देश दिया.
इसके बाद डीसी यदुटांड़ पहुंचे. यहां उन्होंने पप्पू सिंह (पिता शिवजी सिंह) के जमीन की अवैध जमाबंदी और कार्य रोके जाने के सरकारी आदेश के बावजूद पेड़ काटने को लेकर खुद स्थल निरीक्षण किया. हालांकि, मौके पर मौजूद पप्पू सिंह ने डीसी को बताया कि वर्ष 1947 से चार डीड के माध्यम से जमीन की खरीदारी की थी. रेलवे द्वारा भी मेरे जमीन के एवज में मुआवजा दिया गया था. हमलोगों के द्वारा स्कूल के लिए भी जमीन दान की गयी है. मेरे पास जमीन के सारे पेपर मौजूद हैं. उनकी बातों पर डीसी में सीओ, सीआइ और हल्का कर्मचारी को विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा. वहीं पेड़ काटे जाने के मामले में विशेष जांच करने का निर्देश दिया.