jharkhand corona news : 30 सेकेंड में कोरोना का लक्षण बता देता है अंकित का साॅफ्टवेयर

झुमरी तिलैया के अंकित मोदी व उनकी टीम ने ईजाद की है एआइ टेक्नोलॉजी

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2020 4:27 AM

कोडरमा : महंगी होती मेडिकल सर्विस के बीच झुमरीतिलैया के अड्डी बंगला रोड निवासी 28 वर्षीय अंकित मोदी व उनके ग्रुप के सदस्यों ने ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) टेक्नोलॉजी ईजाद की है, जिससे मात्र 30 सेकेंड में छाती के एक्स-रे के सहारे कोरोना, टीबी व अन्य कई बीमारियों के लक्षण को पकड़ा जा सकता है.

यह मात्र एक मिनट में ब्रेन का सिटी स्कैन कर रिपोर्ट देने में सक्षम है. व्यवसायी पिता जितेंद्र कुमार अरुण और गृहिणी माता आशा वर्णवाल के इकलौते पुत्र अंकित की कामयाबी इन दिनों चर्चा में है. मुंबई में संचालित Qure.ai नामक कंपनी के सह संस्थापक अंकित व अन्य की कहानी पिछले दिनों अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित हुई.

यही नहीं, कंपनी द्वारा तैयार साॅफ्टवेयर में रेडियोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है. वर्तमान में कंपनी की टेक्नोलॉजी का अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली समेत दुनिया के 20 से भी अधिक देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है.

छाती के एक्स-रे से पकड़ता है लक्षण, 20 से अधिक देशों में किया जा रहा इस्तेमाल, सिमडेगा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुआ शुरू

हाल ही में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर झारखंड के सिमडेगा में भी शुरू किया गया है. शांति भवन मेडिकल सेंटर में Qure.ai की टेक्नोलॉजी ने रेडियोलाॅजिस्ट की कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभायी है. अंकित ने बताया कि Qure.ai की टीम चार सालों से इस टेक्नोलॉजी को विकसित कर रही है. मार्च 2016 में रिसर्च साइंटिस्ट के तौर पर उन्होंने अन्य लोगों के साथ प्रयास शुरू किया. कंपनी के सात संस्थापक सदस्यों में वह भी एक हैं, जिसमें पांच उनके बैच के पास आउट हैं.

एक दिन में 20 हजार से अधिक रिपोर्ट पढ़ी जा रही

अंकित ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी के आधार पर वर्तमान में एक दिन में 20 हजार से अधिक रिपोर्ट पढ़ी जा रही है. कई बार लोग सीधे पैथोलॉजी जांच से बचते हैं. ऐसे में अगर एक्स-रे व सिटी स्कैन रिपोर्ट से पुष्टि होती है, तो पैथोलॉजी जांच करायी जा सकती है. डाॅक्टर भी कई बार अधिक मरीज होने पर सभी की रिपोर्ट देख नहीं पाते हैं, उसमें भी यह टेक्नोलॉजी कारगर है. हमारी कंपनी ने मुंबई, पुणे आदि शहरों में भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत कोरोना काल में काम शुरू किया है.

अमेरिकी कंपनी का आॅफर ठुकरा चुके हैं अंकित

अंकित ने डीएवी पब्लिक स्कूल झुमरीतिलैया से 10वीं की परीक्षा पास की है. इसके बाद 12वीं की पढ़ाई कोटा से की. फिर आइआइटी कानपुर से 2015 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक और एमटेक किया. उन्होंने अमेरिका से मिले जॉब ऑफर को ठुकरा कर भारत में ही रह कर विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी विकसित करने का निश्चय किया. पिता जितेंद्र कुमार अरुण ने बताया कि अंकित शुरू से मेधावी रहे हैं. अंकित की बहन अनीशा मोदी सिंगापुर में नौकरी करती हैं, जबकि पत्नी सम्पा मोदी मुंबई में ही एनजीओ संचालित करने के साथ ही काम करती हैं.

posted by : sameer oraon

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