कोडरमा : लॉक डाउन के दौरान अचानक जरूरी सामान के दाम में बेतहाशा वृद्धि की शिकायत मिलने पर उपायुक्त रमेश घोलप ने सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर मुनाफाखोरी व कालाबाजारी पर अंकुश लगाने को लेकर कई निर्देश दिए. डीसी ने स्पष्ट कहा कि फल, सब्जियां, राशन, दवा आदि जरूरी सामान के थोक विक्रेताओं को किसी भी हाल में कालाबाजारी और जमाखोरी नहीं करने देना है.
सभी जरूरी सामान को उचित दाम में उपलब्ध करवाने, किसी भी हाल में निर्धारित दाम से अधिक राशि नहीं लेने को कहा.
डीसी ने व्यवसायियों से आग्रह किया है कि इस संकट की घड़ी में लालच को त्याग कर मानवता का मिसाल पेश कर लोगों को आवश्यक वस्तुएं गुणवत्तापूर्ण और निर्धारित रेट पर ही दें. उन्होंने अधिकारियों को कड़ी निगाह रखने और यदि कोई व्यवसायी गड़बड़ी करता हो तो उसे चिन्हित कर विधि सम्मत कार्रवाई करने, बाजार और दुकानों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. उन्होंने खाद्यान्न व दवा के थोक व्यापारियों को कृत्रिम कमी का भम्र नहीं फैलाने, दुकानों में आने वाले ग्राहकों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से ग्राहकों के बीच एक-एक मीटर की दूरी रखने, साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखने आदि का निर्देश दिया. वहीं ग्राहकों से अपील किया कि कहीं भी ऊंची दर से सामान बेचने की शिकायत मिलने पर तत्काल इसकी सूचना दें. मौके पर डीडीसी आलोक त्रिवेदी, अपर समाहर्ता अनिल तिर्की, निदेशक डीआरडीए नेलसम एयोन बागे, गोपनीय पदाधिकारी जयपाल सोय आदि मौजूद थे.
खाद्य पदार्थों के साथ ही दूध की कीमत वसूल रहे ज्यादा
इधर, प्रशासनिक सख्ती के निर्देश के बावजूद जानकारी सामने आई है कि लॉक डाउन के बीच शहर के कुछ कारोबारी व दुकानदार मौके का फायदा उठा मुनाफाखोरी में जुट गए हैं. आवश्यक वस्तुओं के दाम में वृद्धि कर दी गई है. चावल, आटा सहित अन्य खाद्य पदार्थों के दाम ज्यादा लिए जा रहे हैं. अचानक दाम में बढ़ोतरी कर दिए जाने से आम लोग परेशान हैं. खासकर गरीब तबके पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है. यही नहीं सब्जियों के दाम में भी बढ़ोतरी हो गई है. आलू का भी दाम बढ़ा दिया गया है. गाय को खिलाया जाने वाला चूनी, चोकर, कुट्टी तक के दाम दोगुने तक लिए जा रहे हैं. पैकेट दूध की कीमत भी कुछ दुकानदार ज्यादा वसूल रहे हैं. गाय को खिलाए जाने वाले पदार्थों की कीमत बढ़ा दी गई है तो खटाल वालों ने भी दूध की कीमत बढ़ा दी है.
नहीं सुधर रहे लोग, प्रशासन हुआ सख्त
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉक डाउन के बावजूद लोग भीड़ जमा करने से बाज नहीं आ रहे हैं. कुछ लोग अनावश्यक बाजार पहुंच रहे हैं तो कुछ जरूरी सामान की खरीदारी के लिए आ रहे हैं. ऐसे में कई जगहों पर अत्यधिक भीड़ जमा हो जा रही है. यही नहीं इक्का दुक्का ई रिक्शा, आटो व अन्य वाहन भी बाजार की सड़कों पर दौड़ते दिख रहे हैं. परिणाम यह है कि सरकार ने जिस उद्देश्य से लॉक डाउन लागू किया है वह सफल होता नहीं दिख रहा है. हालांकि, सुबह में इस तरह की तस्वीरें व वीडियो सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू की.
शुरुआत में पुलिस के जवान जगह-जगह पहुंचे व अनावश्यक निकले लोगों खासकर युवाओं को भगाया. साथ ही जरूरी सामान को छोड़ अन्य सामान की बिक्री को लेकर खुली दुकानों को बंद कराया. इसी बीच तिलैया थाना प्रभारी आरएन ठाकुर भी झंडा चौक के पास पहुंचे. उन्होंने लॉक डाउन का उल्लंघन कर खुलेआम बिना काम के घुम रहे मोटरसाइकिल सवार कुछ युवकों की पिटाई भी की. पुलिस सख्त हुई तो बाजार में सन्नाटा पसरना शुरू हो गया. एसडीआो विजय वर्मा भी डंडा लिए सख्ती दिखाते नजर आए. ऐसे में बाद दोपहर झुमरीतिलैया शहर की अधिकतर सड़कें सुनसान हो गई.
खुद पहुंचे डीसी-एसपी, कई लोगों को दी चेतावनी
लॉक डाउन व धारा 144 का उल्लंघन होने की सूचना पर डीसी रमेश घोलप, एसपी डा. एम तमिल वाणन खुद शहर पहुंचे. डीसी ने विभिन्न इलाकों का जायजा लिया. इस दौरान जगह-जगह नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों को सख्त हिदायत दी. डीसी ने मेडिकल, राशन व सब्जी की दुकानों तक में पहुंचने वाले लोगों को सोशल डिटेंस का पालन करने की अपील की. डीसी ने कहा कि लोग जितना ज्यादा से ज्यादा सोशल डिटेंस रखेंगे कोरोना से उतना ही बचाव किया जा सकता है. उन्होंने बिग बाजार शॉपिंग कांप्लेक्स के बाहर कोरोना से जागरूकता व पहुंचने वाले ग्राहकों के लिए सेनीटाइजेशन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं देख मैनेजर को फटकार लगाई. साथ ही तुरंत ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश दिया. डीसी ने कला मंदिर के पास मंडी में सब्जी बेचने वाली महिलाओं व अन्य को एक मीटर की दूरी मेंटेन कर बैठने, बार-बार हाथ धोने का भी निर्देश दिया. वहीं एसपी ने भी लोगों से सहयोग की अपील की. मौके पर एसडीओ विजय वर्मा, गोपनीय प्रभारी जयपाल सोय, ईओ कौशलेश कुमार, सीओ अशोक राम आदि मौजूद थे.
निर्माणाधीन होटल रामेश्वरम व ट्रैक्टर मालिक पर एफआईआर का आदेश
डीसी ने शहर के जवाहर टाकीज के पास बन रहे रामेश्वरम होटल व एक ट्रैक्टर मालिक के साथ ही अनावश्यक रूप से खुली दुकानों पर एफआईआर करने का आदेश पदाधिकारियों को दिया है. बताया जाता है कि डीसी जब निरीक्षण करने सुभाष चौक पहुंचे तो यहां एक ट्रैक्टर जा रहा था. पूछने पर चालक ने बताया कि वह ईंट लाने जा रहा है. ऐसे में डीसी ने इस ट्रैक्टर के मालिक व अन्य पर एफआईआर का निर्देश दिया. वहीं होटल रामेश्वरम में निर्माण कार्य जारी देख डीसी ने नाराजगी जताई और नगर पर्षद के ईओ को प्रबंधक पर केस दर्ज करने का आदेश दिया.
डीसी ने कहा कि जिन लोगों ने भी अनावश्यक वस्तुओं की बिक्री को लेकर दुकानें खोली है उन्हें चिन्हित कर एफआईआर करें. पत्रकारों से बातचीत में डीसी ने आम जनता से अपील की कि आवश्यक वस्तुओं को छोड़ अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखना है. जरूरत की चीज खरीदने के लिए ही लोग निकलें, अनावश्यक घर से निकल सड़क पर भीड़ नहीं लगाएं. कोरोना एक वैश्विक महामारी है, लोगों को परिस्थिति को समझने की जरूरत है. वर्तमान समय में घर में रहना जरूरी है. उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर से आए हैं और होम कोरंटाइन में रहने को कहा गया है वे तो बिल्कुल न निकलें. 14 दिन बाद जब इनका कोरंटाइन समय पूरा होगा तो चिकित्सा पदाधिकारी के परामर्श के बाद ही आगे का कदम उठाएं. डीसी ने कहा कि प्रशासन का प्रयास यह है कि कम से कम लोग बाहर निकलें और ज्यादा से ज्यादा घर पर रहें.
असनाबाद में जारी धरना को कराया समाप्त
इधर, सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में पिछले सात फरवरी से महिलाओं के द्वारा जारी अनिश्चितकालीन धरना को पुलिस प्रशासन ने मंगलवार को समाप्त करा दिया. एसडीओ विजय वर्मा, एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद व अन्य ने धरना स्थल पर पहुंच वहां बैठी महिलाओं को धारा 144 का हवाला देते हुए कोरोना से बचाव के लिए धरना को समाप्त करने की अपील की. साथ ही सभी महिलाओं, युवतियों के हाथों को सेनीटाइज किया. एसडीओ के अनुरोध पर महिलाओं ने धरना को समाप्त करने का निर्णय लिया.