Jharkhand News, Koderma News झुमरीतिलैया : परंपराओं, रीति रिवाजों से इतर अब बेटियां भी अपने परिजन के अंतिम संस्कार में शामिल हो रही हैं. यही नहीं वह मुखाग्नि देने सहित अन्य फर्ज को भी निभा रही हैं. ताजा मामला शहर के विशुनपुर रोड का है. यहां एक बेटी ने बेटा का फर्ज निभाते हुए पिता का अंतिम संस्कार कर मुखाग्नि दी. जेजे कॉलेज में सहायक क्लर्क सह अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के सदस्य शैलेंद्र लाल का बीते दिनों हृदय गति रुकने से निधन हो गया. वे किडनी की समस्या से पीड़ित थे.
शैलेंद्र लाल की तीन बेटियां हैं. मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार में परंपराओं को निभाने की बात आयी, तो बेटा नहीं होने पर छोटी बेटी समृद्धि आगे आयी और पिता को मुखाग्नि दी. बताया जाता है कि शैलेंद्र लाल की बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है और वह महाराष्ट्र के भडारा में बैंक ऑफ बड़ौदा में अपने पति अभिजीत मेंटूलकर के साथ कार्यरत है. वहीं उससे छोटी बेटी साक्षी श्रीवास्तव व सबसे छोटी बेटी समृद्धि अभी पढ़ाई कर रही है.
कायस्थ महासभा के जिला प्रवक्ता शैलेश कुमार शोलु ने बताया कि जिले में पहली बार कायस्थ महासभा में किसी पुत्री ने अपने पिता को मुखाग्नि दी है. स्व. लाल की बेटी काफी लाडली है. वह प्रतिदिन अपने पिता को स्कूटी से कॉलेज पहुंचाती थी. उनके निधन के बाद बेटी ने बेटा का फर्ज निभाते हुए अपने पिता का अंतिम संस्कार किया.
स्व. लाल के निधन पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार अभय, जिला प्रवक्ता शैलेश कुमार शोलु, जिला महासचिव मनोज सहाय पिंकू, कोषाध्यक्ष विपिन कु सिन्हा, विनय कुमार सिन्हा, हेमा सिन्हा, प्रीति सिन्हा, अजीत सिन्हा, रंजीत सिन्हा, आर्यन श्रीवास्तव, मानस सिन्हा, हर्षित सिन्हा, विनोद विश्वकर्मा, किड्जी स्कूल की निदेशिका ब्यूटी सिंह, मनोज सिंह, विशाल सिंह, शशि कुमार आदि ने शोक संवेदना प्रकट की है.
Posted By : Sameer Oraon