Jharkhand News|कोडरमा, विकास कुमार : कोडरमा जिले के मुख्य शहर झुमरीतिलैया में भ्रूण जांच के गोरखधंधा संचालित का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार (18 फरवरी) को शहर के विशुनपुर रोड स्थित एक मकान में छापेमारी कर पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन, लैपटॉप व मोबाइल के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार आरोपी की पहचान पवन कुमार यादव (36), पिता राजू यादव, निवासी विशुनपुर रोड तिलैया के रूप में हुई है. इसके पास से 14 बैंकों के चेकबुक भी बरामद हुए हैं. पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है. इसके बाद इस मामले में कई और खुलासे होने का अनुमान है.
विशुनपुर रोड के एक मकान से हुई गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार, कोडरमा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि विशुनपुर रोड स्थित एक मकान में पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन की मदद से लिंग परीक्षण किया जाता है. इससे भ्रूण की भी जांच भी की जाती है. सूचना पर एसडीओ रिया सिंह के नेतृत्व में टीम ने रविवार को छापेमारी की.
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इस तरह खोला गया मकान का गेट
टीम पवन यादव के आवास पर पहुंची, तो अंदर से मकान का गेट बंद था. काफी प्रयास के बाद भी जब गेट नहीं खुला, तो एक पुलिसकर्मी किसी तरह अंदर गया और मुख्य गेट को खोला. इसके बाद अधिकारी अंदर गए.
टीम में शामिल थे ये अधिकारी
टीम में शामिल एसडीओ के अलावा सीएस डॉ अनिल कुमार, कोडरमा सीओ कमल किशोर सिंह, सदर अस्पताल के डॉक्टर मनोज कुमार, डीडीएम पवन कुमार, एसआई क्लेमेंट लिंडा व अन्य ने सूचना के आधार पर मकान के अंदर काफी देर तक पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन की खोज की, लेकिन मशीन नहीं मिली. बाद में मशीन मिली और उसे जब्त कर लिया गया.
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सीढ़ी के ऊपर मिली मशीन, पानी टंकी में प्रोब
बताया जाता है कि टीम के सदस्य जब सीढ़ियों से छत पर जाने लगे, तो सीढ़ी के ऊपर पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन फेंकी मिली. टीम ने जांच में इस्तेमाल होने वाले प्रोब को पानी टंकी के अंदर से बरामद किया. इसके अलावा एक लैपटॉप, मोबाइल फोन व अलग-अलग बैंकों के चेकबुक भी बरामद हुए. इतना ही नहीं, यह भी पता चला है कि जब तक पुलिस और प्रशासन की टीम अंदर दाखिल हुई, आरोपी ने काफी हद तक साक्ष्य को मिटाने का प्रयास किया.
मशीन की जांच व मोबाइल के कॉल डिटेल्स से खुलेंगे कई राज
आरोपी के यहां से बरामद अल्ट्रासाउंड मशीन व उसके मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स की विस्तृत जांच से कई राज खुल सकते हैं. यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी कब से इस गोरखधंधा में लिप्त था. किन-किन लोगों ने उसकी मदद की.
घर पर अल्ट्रासाउंड मशीन रखकर जांच करना ही अवैध है. भ्रूण जांच की शिकायत मिलने के बाद छापेमारी की गई, जिसमें पोर्टेबल मशीन, लैपटॉप, मोबाइल व विभिन्न चेक बुक बरामद हुए हैं. पकड़े गए पवन यादव को पुलिस के हवाले कर दिया गया है. आरोपी के विरुद्व नियमानुसार कार्रवाई होगी.
डॉ अनिल कुमार, सिविल सर्जन, कोडरमा
चार-पांच साल से चल रहा था गोरखधंधा
बताया जाता है कि आरोपी पवन कुछ वर्ष पूर्व शहर में संचालित संस्थान में अल्ट्रासाउंड करने का काम करता था. उक्त अल्ट्रासाउंड के बंद होने के बाद उसने यह गोरखधंधा शुरू किया. करीब चार-पांच वर्षों से वह इस काम में लिप्त था.
गाड़ी रख जांच की दी जाती थी सर्विस, लिए जाते थे हजारों
जानकारी यह भी सामने आई है कि कोडरमा व आसपास के क्षेत्र में पोर्टेबल अल्ट्रासांड मशीन के सहारे भ्रूण जांच का यह खेल लंबे समय से चल रहा था. पोर्टेबल मशीन को मारुति कार व अन्य वाहन में रखकर अन्यत्र ले जाते थे और दूर जाकर भ्रूण परीक्षण किया जाता था. बदले में हजारों रुपए लेता था.
सामान्य रूप से जांच की सुविधा देने के लिए 4,000 रुपए या इससे अधिक भी लिए जाते थे. पोर्टेबल मशीन से भ्रूण की जांच की सूचना पर एक वर्ष पहले भी जिला प्रशासन ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी. उस समय कोई पकड़ में नहीं आया था.