कोडरमा, विकास कुमार : अपने ही परिवार के छह लोगों की निर्मम हत्या करने के एक मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय राकेश चंद्रा की अदालत ने मंगलवार को आरोपी गांगो दास 30 वर्ष पिता स्व छोटन दास निवासी मसमोहना नवलशाही को 302 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
4 वर्ष की बेटी और 2 वर्ष के बेटे को भी जान से मारा
जानकारी के अनुसार घटना 26 नवंबर 2019 को हुई थी. उस समय नवलशाही थाना में मदन दास पिता मनु दास मसमोहना के आवेदन पर केस दर्ज किया गया था. थाना को दिए आवेदन में मदन दास ने कहा था कि 26 नवंबर 2019 की रात्रि वह खाना खाकर सो गया था. रात्रि करीब 9:45 बजे मेरा पड़ोसी गांगो दास शराब के नशे में धूत होकर हाथ में बड़ा सा चाकू और रड लेकर आया और पत्नी शीला देवी से झगड़ा करने लगा. इसी बीच गुस्से में आकर उसने अपनी पत्नी को चाकू और रड से मार दिया. यही नहीं अपनी पुत्री राधिका कुमारी 4 वर्ष एवं पुत्र पीयूष कुमार 2 वर्ष को भी चाकू और रड से मार दिया. इससे घटनास्थल पर ही राधिका कुमारी एवं पीयूष कुमार की मौत हो गई.
अपनी मां और भतीजियों को भी रड और चाकू से मारा
शोर सुनकर जब उसकी मां शांति बचाने आई तो उसे भी रड व चाकू से मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. यही नहीं आरोपी ने अपनी भतीजी चांदनी कुमारी व नीतिका कुमारी को भी रड एवं चाकू से मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. जब आसपास के लोग वहां जुटे तो आरोपी ने खुद को एक रूम में जाकर दरवाजा बंद कर लिया और खुलवाने का प्रयास करने पर लोगों को जान से मारने की धमकी देने लगा.
बेहतर इलाज से बची भतीजी की जान
तत्काल एंबुलेंस बुलाकर घायलों को सदर अस्पताल भेजा गया. जहां गांगो दास की पत्नी शीला देवी एवं उसके गर्भ में में पल रहे सात माह के बच्चे, मां शांति, भतीजी नीतिका कुमारी 7 वर्ष की मौत हो गई. वहीं गंभीर रूप से घायल चांदनी कुमारी को बेहतर इलाज के लिए रांची भेजा गया था. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मामला अदालत में चल रहा था.
अदालत में 10 गवाहों का हुआ परीक्षण
अदालत में अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक एंजेलिना वारला ने किया. इस दौरान सभी 10 गवाहों का परीक्षण कराया गया. कार्रवाई के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए पीपी एंजेलिना वारला व एपीपी मनोज मौर्य ने अदालत से अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया. वहीं बचाव पक्ष की ओर से डिप्टी चीफ एलएडीसी किरण कुमारी ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया. अदालत ने सभी गवाहों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त को 302 आईपीसी के तहत दोषी पाया. साथ ही इस मामले को अति गंभीर, अति क्रूर एवं दुर्लभतम हत्या की श्रेणी में मानते हुए फांसी की सजा मुकर्रर की.
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