कई पंडालों के आज खुलेंगे पट, तैयारी पूरी
शारदीय नवरात्र को लेकर जिले का माहौल भक्तिमय बना हुआ है.
By Prabhat Khabar News Desk |
October 7, 2024 9:27 PM
झुमरीतिलैया. शारदीय नवरात्र को लेकर जिले का माहौल भक्तिमय बना हुआ है. विभिन्न पूजा समितियों की ओर से बनाये जा रहे पंडालों को काम अब अंतिम चरण पर है. वहीं मूर्तियों को सजाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. इस बीच सोमवार को मां के पांचवें स्वरूप की पूजा-अर्चना की गयी. इस वर्ष अलग-अलग थीम पर पूजा पंडालों का निर्माण हो रहा है. आयोजन समितियों की ओर से सजावट में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. घरों में भी कलश स्थापना कर भक्त मां की आराधना में जुटे हुए हैं. नवरात्र के छठे दिन मंगलवार को शहर के प्रमुख पूजा पंडालों के पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिये जायेंगे. अड्डी बंगला और मडुआटांड़ में षष्ठी को पूजा पंडाल का उदघाटन होगा़ इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए देवी का दर्शन सुलभ हो जायेगा. सप्तमी के दिन गौरीशंकर मुहल्ला, ताराटांड़, विशुनपुर, महाराणा प्रताप चौक और अन्य प्रमुख स्थानों के पंडालों के पट खुलेंगे़ विभिन्न स्थानों पर बिजली के रंग-बिरंगे बल्बों व झालरों से सजावट की गयी है.
पांचवें दिन हुई स्कंदमाता की पूजा
नवरात्र के पांचवें दिन मां के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की गयी. स्कंदमाता की पूजा संतान सुख के लिए की जाती है़ मान्यता है कि मां अपने भक्तों की रक्षा पुत्रवत करती हैं. मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा, जहां मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की गयी. यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा़ भक्तों ने पूरे विधि-विधान से पूजा की़
आज होगी मां कात्यायनी की उपासना
नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना होगी. ज्योतिषी विनिता निशु के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा से अद्भुत शक्ति का संचार होता है. भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. मां कात्यायनी को महर्षि कात्यायन की पुत्री के रूप में पूजा जाता है. यह देवी ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रसिद्ध हैं. मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भास्वर और तेजमयी होता है़ इनके चार हाथों में से एक अभय मुद्रा में, दूसरा वर मुद्रा में, जबकि तलवार और कमल-पुष्प इनके अन्य हाथों में सुशोभित होते हैं. इनका वाहन सिंह है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है़ मां की भक्ति से भक्तों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है़ विशेषकर जिन कन्याओं के विवाह में विलंब हो रहा हो, उन्हें मां कात्यायनी की उपासना करनी चाहिये.
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