कोडरमा के झुमरीतिलैया में मच्छरों का प्रकोप बढ़ा, नहीं हो रही फॉगिंग
उसकी फॉगिंग मशीन इन दिनों खामोश है. नगर पर्षद द्वारा फॉगिंग को लेकर पुख्ता तैयारी रहने की बात तो कही जाती है, लेकिन जमीन पर फिलहाल सब कुछ नदारद है. ऐसे में शहरवासी दिन-रात मच्छरों की भिनभिनाहट और संक्रमित बीमारियों के खौफ के बीच जीने को मजबूर हैं. इसके बाद भी शहरी क्षेत्र में कहीं भी फॉगिंग का कार्य नहीं हो रहा है.
झुमरीतिलैया : जिले में सप्ताह भर से हो रही झमाझम बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इससे मच्छर भी पनप रहे हैं. कोरोना संकट के बीच शहर में मच्छरों का प्रकोप चरम पर है. स्थिति यह है कि शाम होते ही लोगों के लिए दरवाजा खोलना तो दूर, घर में बैठना भी मुश्किल हो रहा है. वहीं मच्छरों का प्रकोप रोकने की जिम्मेदारी जिस नगर पर्षद पर है,
उसकी फॉगिंग मशीन इन दिनों खामोश है. नगर पर्षद द्वारा फॉगिंग को लेकर पुख्ता तैयारी रहने की बात तो कही जाती है, लेकिन जमीन पर फिलहाल सब कुछ नदारद है. ऐसे में शहरवासी दिन-रात मच्छरों की भिनभिनाहट और संक्रमित बीमारियों के खौफ के बीच जीने को मजबूर हैं. इसके बाद भी शहरी क्षेत्र में कहीं भी फॉगिंग का कार्य नहीं हो रहा है.
होल्डिंग टैक्स के रूप में वसूला जाता है ढाई करोड़ :
जानकारी के अनुसार, नगर पर्षद हर साल शहर के लगभग 19 हजार घरों से होल्डिंग टैक्स के रूप में करीब ढाई करोड़ रुपये की वसूली करता है. विभागीय अधिकारी की ही मानें, तो शहर में फॉगिंग के लिए सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किये जाते हैं. वे बताते हैं कि नगर पर्षद के पास दो फॉगिंग मशीन है, जिससे शहर के 28 वार्डों में रोस्टर वाइज नियमित रूप से फॉगिंग करायी जाती है.
हालांकि, हकीकत यह है कि शहर के ज्यादातर इलाकों में रहने वाले लोगों ने पिछले कई वर्षों से अपने मुहल्ले में फॉगिंग मशीन को नहीं देखा है. कोरोना काल और बारिश के मौसम के बीच इन दिनों मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं, तो फॉगिंग मशीन होने के बाद भी फॉगिंग कार्य नहीं होने से लोगों में नाराजगी भी है.